Mamta tiwari

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मुझे गर्व है......

*मुझे गर्व है......*

रेखा नवीन खींच रहा है,
परिवर्तित देश दिख रहा है.....
कुछ लोग अनजान से बन कर,
क्यों किंतु  आंख उमिच रखा है .....
गर्वित हर्षित हम हिंदू हैं,
विश्व शांति के केंद्र बिंदु है,
प्रज्ञान ज्ञान के स्वागत में
आज खड़ा गगन में इंदु है .........
खिलता हुआ अब काश्मीर है,
तोड़ चुका नफरत शमशीर है 
भाईचारा का पानी पी,
करता अमन का तामीर है ....
सर्वोच्च विश्व से मूर्ति बना,
अटल टनल से स्फूर्ति दिया,
फोर लेन का जाल बिछा है,
स्थिर संसद का कुर्सी रखा........
संविधान नवल मंदिर बना,
सेतु विशाल सागर में तना,
पुनरुद्धार से देवालयों ने,
आल्हादित कायाकल्प चुना.....
आलस सट्टा जुआ छोड़ कर,
वह अग्निवीर सा तेज हुआ,
उद्यम उद्योग फल फूल रहा,
हर हाथ में काम रखे युवा..........
नारी जीवन आज सुरक्षित ,
घर में जल अग्नि स्वस्थ संचित ,
हर सिर को छत भी हासिल है,
तीन तलाक अपमान वंचित.........
वैश्विक कूटनीति में नाम है,
आतंक का नहीं निशान है,
 गदर न होते सांप्रदायिक,
दुश्मन इससे परेशान है..........
उत्तम नीति ही परिणाम है,
हत भ्रष्टाचार वीरान है,
ऊंचा आत्मविश्वास हमारा
दुस्शासन सकुनी हैरान है.........
______________________
ममता तिवारी (छत्तीसगढ़)

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7 Comments

सुन्दर अभिव्यक्ति

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Mohammed urooj khan

29-Jan-2024 01:19 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

28-Jan-2024 09:33 PM

👌👌

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