सीता हरण




भोजपुरी निर्गुण_ सीता हरण।

सीता हरन कईले पापी रवनवा,
रोई रोई खोजे रघुराई ये राम।
खोजी खोजी राम भटकेले बनवा,
सीता हरण बड़ा दुखदाई ये राम।

उड़ेले रवनवा लेई सीता के विमान में
देखले जटायु नजर उठाई ये राम।
लड़ले जटायु रावण गगन बीच मंडल।
गिरले जटायु धरती पर घायल पंख पसारी ये राम।

बन बन भटके राम सीता के बियोग में।
झर झर झरे पतई सीता पता ना बताई ये राम।
कहा गइली सीता मोर प्राण प्यारी ,
अयोध्या में केवन मुंह दिखाई ये राम।

ब्राह्मण के रूप धरी अइले हनुमान जी।
कहवा के हवा तुहू सुकुमार बतावा बात बताई ये राम।
केवने करनवा किशोर बन बन भटकेला।
दूर करब दुखवा कहे हनुमान सिर झुकाई ये राम।

एकही छलांग हनुमान सागर के नापी दिहले।
बाग उजारी पूंछ लंका जराई ये राम।
खोजी लिहले सीता के अशोक वाटीका मे।
राम निशानी सीता मुनरी दिखाई ये राम।

कइले राम युद्ध बड़ा भारी सोन लंका में ,
रावण के कुल खानदान उजाड़ी ये राम।
दसो सिर काटी दिहले राम दसानन के ,
रावल के मरले नाभी बाण चलाई ये राम।

सीता हरण कइले पापी रवनवा,
रोई रोई खोजे रघुराई ये राम।

गीतकार 
श्याम कुंवर भारती (राजभर )
बोकारो, झारखंड
मॉब.९९५५५०९२८६




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4 Comments

Madhumita

29-Jan-2024 01:19 PM

Very nice

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Mohammed urooj khan

29-Jan-2024 12:46 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Alka jain

29-Jan-2024 12:18 PM

Nice

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