लेखनी कहानी -29-Jan-2024
शीर्षक - वक्त एक सा नहीं रहता
जीवन और जिंदगी में फर्क होता है जीवन हम अपने लिए जीते हैं और जिंदगी दूसरों के लिए ऐसा ही है कि वक्त एक सा नहीं रहता क्योंकि वक्त पल-पल बदल जाता है हम सभी कुदरत के संसार में जीवन जीते हैं और सुख-दुख अच्छा बुरा केवल हमारा समय होता है तभी तो बहुत से बड़े बुजुर्ग कहते हैं वक्त एक सा नहीं रहता यह हमेशा बदलता रहता है और हम जानते भी हैं समय का चक्र सदा चलता रहता है समय और वक्त शब्दों का अंतर है वक्त एक सा नहीं रहता हैं। मालिनी झौपड़ पट्टी में रहने वाली कामगार महिला थी परंतु मालिनी के सपने बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों में रहना बड़ी बड़ी गाड़ियों में घूमने का सपना था। हमारी कहानी वक्त एक सा नहीं रहता और हम सभी का वक्त कभी न कभी बदल जाता है और हम कह देते हैं वक्त एक सा नहीं रहता ऐसा ही कुछ मालिनी के साथ होने वाला था परंतु हमें सबको समय से पहले कभी कुछ नहीं मालूम होता क्योंकि कुदरत हमेशा समय के साथ चलती है और मालिनी भी झोपड़पट्टी के साथ रहने वाली सुंदर ऊंची कद काठी की 25 30 वर्ष की नई सोच की थी। मालिनी जिस मालिक के काम करती थी। उसे मलिक के इकलौता बेटा था जो की मानसिक स्तर से कमजोर था परंतु धन संपत्ति बहुत थी और मालिक उसके लिए लड़कियां देख-देख कर थक चुका था बस मालिक ने अपने पैसे की और धन संपत्ति की शोहरत से मालिनी के लालची मन के साथ-साथ बड़े-बड़े सपनों को समझ चुके थे। मालिक और मालिक का बेटा घर में दो ही मेंबर थे मालिक की पत्नी का देहांत 10 वर्ष पहले हो चुका था। मालिनी जानतीं की मालिक के पास केवल पैसा ही पैसा है और कुछ नहीं है। मालिनी एक अच्छी कद काठी की जवानी से भरपूर मादक बदन की मांसल देह वाली नारी थी। मालिक एक दिन अचानक मालिनी से अपने बेटे की विवाह की बात करता है तब मालिनी अपने मालिक से उसके बेटे के बारे में सच-सच कह देती है तब मालिक भी मालनी से एक समझौता करता है कि मैं तुम्हें मुंह मांगी रकम दूंगा तुम मेरे बेटे की पत्नी बन जाओ और जो कमी मेरे बेटे से रहेगी वह मैं पूरी कर दूंगा मालिनी भी लालची और बड़े-बड़े सपने देखने की लालच में जीवन और जिंदगी को बेचने के लिए तैयार हो जाती है और मलिक मालिनी के परिवार वालों को मुंह मांगी रकम देकर मालिनी से अपने बेटे का विवाह कर देता है और बेटे से विवाह होने की बाद मालनी का वक्त एक सा नहीं रहता है और वह बड़ी-बड़ी गाड़ियों में सोना जेवर पहनकर शहर में घूमने लगती है और अपने मन के सपने पूरे करने लगती है। कुछ दिनों बाद मालिनी को सब बेकार लगने लगता है क्योंकि वक्त एक सा नहीं रहता हैं और मालिक का बेटा कुछ दिनों बाद एक कर दुर्घटना में मर जाता है। मालिनी को उसकी मृत्यु से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मालिनी को तो धन संपत्ति से मतलब था। परिवार में मालिक और मालिनी रह जाती है तब मालिनी ही मालिक की सेवा करती है और एक दिन मलिक करने के साथ जबरदस्ती करके हम बिस्तर हो जाता है वक्त एक एक सा नहीं रहता है मालिनी को भी अब मलिक के साथ रहना अच्छा लगने लगता है। और कुछ दिनों बाद मालिनी एक बेटी को जन्म देती है तब मालिक बहुत खुश होते हैं और घर परिवार बनने की खुशी में मलिक नाचते-नाचते बालकनी से पैर फिसल कर नीचे गिर जाते हैं और मलिक का भी देहांत तो जाता है। वक्त एक सा नहीं रहता समय के साथ-साथ मालिनी की बेटी जवान हो जाती है और मालनी भी समय के साथ साथ अपनी बेटी के लिए एक घर जमाई ढूंढ लेती है और जीवन को शुरू करती है क्योंकि वक्त एक सा नहीं रहता है और मालिनी भी अपनी बेटी और दामाद के साथ खुशी-खुशी अपना जीवन बिताने लगती है क्योंकि आज और कल का कुछ पता नहीं होता सच वक्त एक सा नहीं रहता है।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
Alka jain
05-Feb-2024 10:52 PM
Nice
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Mohammed urooj khan
31-Jan-2024 01:12 AM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
30-Jan-2024 04:30 PM
👏👌
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Neeraj Agarwal
30-Jan-2024 08:59 PM
🙏✍️
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