काशी
1- काशी नगरी धर्म की, यहाँ अठासी घाट।
दो घाट मुक्तिधाम के, मुर्दे जोहे बाट।।
2- काशी मोक्ष धाम है, शिव-शक्ति करें वास।
पावन सुरसरिता बहे, देवगणों का वास।।
3- विश्वनाथ मंदिर यहाँ, अर्पित भोलेनाथ।
शिव-शक्ति एक साथ हैं, बाबा काशीनाथ।।
4- शक्ति रूप माँ भगवती, शिव शोभित वामांग।
शिव नगरी है धर्म की, कहते हैं वेदांग।।
5- आनंदाश्रु हरि गिरे, बिंदु सरोवर रूप।
स्नान कर दर्शन करे, विश्वनाथ स्वरूप।।
6- काशी विद्या की नगरी, प्राचीन विख्यात।
वेदों में उल्लेख है, ग्रन्थों से है ज्ञात।।
7- गंगा तट काशी बसी, स्थिर नोक त्रिशूल।
काशी पाप विनाशिनी, मुक्ति धाम का मूल।।
8- भैरव गण हैं शम्भु के, हैं यहाँ कोतवाल।
शिव रुधिर उत्पन्न हुए, बटुक व भैरव काल।।
9- काशी में आसन जमा, कबीर दे संदेश।
मालिक सबका एक है, भव भजे कई वेश।।
10- पान बनारस खास है, खाते हैं सब चाव।
साड़ी प्रिय बनारसी, पहने नगरी गांव।।
11- विश्व भर से लोग यहां, आते हैं हर साल।
वैदिक भाषा सीख के, फलसिद्धि भरे थाल।।
12- मधुर स्वभाव जन बसे, बनारसी कहलाय।
बुद्धि ज्ञान के तेज हैं, अभिनेता बन जाय।।
13- काशी शिव का नगर है, राजा भोलेनाथ।
दुनिया में प्रसिद्ध हैं, बाबा विश्वानाथ।।
14- शिव के दर्शन के लिए, आते भक्त हजार।
खास दिन सोमवार है, भक्तों की भरमार।।
15- दुनिया में प्रसिद्ध है, वंदन गंगा मात।
सुबह-शाम हो आरती, घाट-घाट विज्ञात।।
16- तुलसी नामक घाट है, चार मील का घाट।
अंदर चौरासी बसे। पाँच प्रसिद्ध घाट।।
17- भव्य नगर वाराणसी, शिवलिंग विश्वनाथ।
पाँच समय हो आरती, मात भगवती साथ।।
18- सुरसरिता पर घाट है, जिसका तुलसी नाम।
अंदर चौरासी बने, घाट-घाट प्रणाम।।
19- विश्वनाथ दरबार है, गंगा की जयकार।
यहाँ वास हिंदुत्व का, जीवन का है सार।।
20- काशी पारस सी लगे, स्वर्ण रूप निखार।
जन्म-मरण बंधन मिटे, खुले मुक्ति का द्वार।।
21- काशी हिन्दु तीर्थ है, कण-कण शिव गुणगान।
पग-पग "श्री" शिव वास है, वेद-पुराण बखान।।
स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)
Mohammed urooj khan
31-Jan-2024 12:42 AM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Zakirhusain Abbas Chougule
30-Jan-2024 10:06 PM
Nice
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Gunjan Kamal
30-Jan-2024 04:10 PM
👏👌
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