लेखनी प्रतियोगिता -30-Jan-2024 सच्चा हमदर्द
"अम्मी इस बार में आपको एक महीने पहले याद दिला रहा रही हूं की 22 जनवरी आने वाली है और आपको याद है ना 22 जनवरी को मेरा जन्मदिन है और इस बार आपको मेरा जन्मदिन पड़ोस के दूसरे बच्चों जैसे धूमधाम से मानना है हर बार की तरह बहाना नहीं बना देना कि मेरा जन्मदिन मनाने के लिए घर में पैसे नहीं है, नौ वर्ष कि अल्फिया अपनी अम्मी से झूठी नाराजगी दिखाते हुए यह बात कहती है, कहीं ना कहीं अल्फिया को भी यह एहसास था कि मेरी गरीब विधवा अम्मी कैसे लाल बत्ती पर गुलाब के फूल बेचकर मुझे दो वक्त का पेट भर खाना खिलाकर पढ़ा लिखा यह चाहती कि एक दिन मेरी बेटी इज्जत सम्मान से इस दुनिया में अपनी जिंदगी जिए मेरी तरह दर दर की ठोकरें ना खाए।
सोने से पहले अपनी इकलौती बेटी की यह बात सुनकर अल्फिया की अम्मी सोचती है इस बार कुछ भी हो चाहे मुझे देर रात तक लाल बत्ती पर गुलाब के फूल बेचने पड़े, लेकिन इस बार में अपनी बेटी अल्फिया का जन्मदिन धूमधाम से मनाने की इच्छा जरूर पूरी करूंगी।
और 20 जनवरी को अल्फिया खुशी-खुशी विद्यालय से घर आकर बिना खाए पिए अपने विधालय की वर्दी बदलकर घर के कपड़े पहनकर अपनी अम्मी के पास लाल बत्ती पर पहुंच जाती है, जहां उसकी अम्मी लाल बत्ती पर गुलाब के फूल बेचकर अपना और अपने बेटी का पेट भरती थी,वह वहां पहुंचकर खुशी-खुशी अपनी अम्मी को बताती है "अम्मी 22 जनवरी को मेरा जन्मदिन है और उसी दिन दिवाली के त्यौहार की वजह से हमारे विद्यालय की छुट्टी है।" "बेटी में अनपढ़ हूं लेकिन मुझे भी पता है दिवाली अक्टूबर नवंबर में आती है, तूने अपने जन्मदिन की वजह से जानबूझकर विद्यालय से छुट्टी ली है।" अम्मी कहती है
फिर अल्फिया की अम्मी अपने मन में यह सोच ही रही थी कि चलो दो दिन तो बाकी है, अल्फिया के जन्मदिन में इन दो दिनों में देर रात तक गुलाब के फूल बेचकर इतने पैसे इकट्ठा कर लूंगी की अल्फिया और मैं उस दिन स्वादिष्ट खाने के साथ मिठाई भी खा लेंगे मुझे यकीन है अल्फिया इतना होने पर भी बहुत खुश हो जाएगी तो उतने में ही ट्रैफिक हवलदार वहां आकर कहता है "आज जितने भी गुलाब के फूल बेचने हैं, बेंच लो 21 22 जनवरी को याद दिखाई भी नहीं देना।"
"साहब लाल बत्ती पर दो दिन गुलाब के फूल बेचने में क्या दिक्कत है।" अल्फिया की अम्मी पूछती है? "श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्री राम की मूर्ति की स्थापना होने वाली है, इसलिए दो दिन यहां दिखाई मत देना।" ट्रैफिक हवलदार रोब मारकर यह बात कह कर वहां से चला जाता है
22 जनवरी को अल्फिया अपनी अम्मी से पहले अपने जन्मदिन की खुशी में सुबह सुबह जल्दी सो कर उठ जाती है और अपनी अम्मी को नींद से जगा कर कहती है "अम्मी जल्दी नींद से जागो आज सुबह से ही मोहल्ले के मंदिर में रौनक हो रही है, जय श्री राम के जयकारे से पूरा मोहल्ला गूंज रहा है, मेरे जन्मदिन की बहुत धूमधाम से शुरुआत हुई है आज आपकी तरफ से भी मेरे जन्मदिन में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए।"
अम्मी अपने मन में सोचती है इस मासूम बच्ची को कैसे समझाऊं कि हम रोज कमाते हैं रोज खाते हैं इसके जन्मदिन पर तो हमें आज लगता है भूखा ही सोना पड़ेगा, 20 जनवरी को जो पैसे कमाए थे, वह 20,21 जनवरी को सब खत्म हो गए हैं।
इतने में पड़ोस में रहने वाली राशि अल्फिया की मित्र अल्फिया से आकर कहती है "अल्फिया आज दोपहर को मेरे साथ चलना आज मंदिर के पास बहुत विशाल भंडारा होगा वहां खूब डटकर खाएंगे और खूब खेलेंगे।"
राशि की भंडारे वाली बात सुनकर अल्फिया की अम्मी बहुत खुश हो जाती है और अल्लाह का शुक्र अदा करके कहती है कि "कम से कम श्री राम भगवान के नाम पर दोपहर को तो हमें पेट भरकर खाना मिल ही जाएगा।
और दोनों अम्मी बेटी पेट भर के भंडारे की पूरी आलू की सब्जी हलवा खाने के बाद इतनी पूरी हलवा आलू की सब्जी इकट्ठा कर लेती हैं कि रात के खाने की भी दोनों अम्मी बेटी की चिंता खत्म हो जाती है।
रात को पूरा मोहल्ला दीपकों की रोशनी से जगमगा उठता है और पड़ोस के लोगों से अल्फिया को बहुत से बम पटाखे फोड़ने के लिए मिल जाते हैं।
रात को हलवा पूरी खाते वक्त अल्फिया की अम्मी अल्फिया से कहती है "देखा मेरी बेटी तेरा जन्मदिन पूरे भारत ने कितने धूमधाम से मनाया है।" यह बात सुनकर अल्फिया के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।
फिर अल्फिया कि अम्मी आसमान की तरफ देखकर परमात्मा से कहती है "परमात्मा आपने किसी भी रूप में आकर की लेकिन मेरी मासूम बेटी की इच्छा पूरी की सच में परमात्मा ही सबसे बड़ा हमदर्द है।"
Milind salve
05-Feb-2024 02:41 PM
Nice
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Mohammed urooj khan
31-Jan-2024 01:13 AM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
30-Jan-2024 04:29 PM
हमेशा की तरह शानदार प्रस्तुति
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