तिलस्मी किले का रहस्य भाग_ 23





कहानी _**तिलस्मी किले का रहस्य**

भाग _ 23

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

सुरभी ने फोन कर अपने पिता को होटल के बारे में बताया कि किला की एक सुरंग होटल में आकर खुली है।अभी हमलोग होटल में है।लेकिन खजाना को लूटने के लिए कई गुंडे लगे हुए है ।
उसके पिता ने खुश होते कहा _बेटी तुम वही रहना मैं वही आ रहा हूं।
उसके पिता ने एसपी से कहा मेरी बेटी और प्रताप सुरंग के रास्ते गुंडों से बचकर उस होटल में पहुंच गए हैं।
आप तुरंत वहा उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस दल भेजिए मैं भी वही जा रहा हूं।
एसपी ने कहा _ ठीक है मैं अभी भेजता हूं ।उसके बाद सुरभी के पिता पुलिस के कुछ जवान हथियारों से लैस लेकर होटल की तरफ निकल गए।

प्रताप होटल के काउंटर पर पहुंचकर मैनेजर से मिला ।उन दोनो को देखकर वो बहुत खुश हुआ ।अच्छा हुआ आप लोग मिल गए।
सुरभी ने कहा _ खुशी तो हमे भी हो रही है कि हम दोनो गुंडों से बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर आए हैं लेकिन चिंता वाली बात है कि किला की एक सुरंग आपके होटल में आकर खुलती हैं ।अभी हमलोग उसी रास्ते से आए है ।
उसकी बात सुनकर मैनेजर को बड़ा आश्चर्य हुआ।लकीन मुझे तो विश्वाश ही नही हो रहा है ।मुझे उस सुरंग के बारे में कोई खबर नहीं है।वैसे भी किला यहां से काफी दूर है ।अपनी गाड़ी से आधा पौन घंटा लगेगा।मैनेजर ने कहा।
हमलोगों को पैदल आने में दो घंटा लगा है।प्रताप ने कहा ।
चलिए दिखाइए कहा है सुरंग का द्वार मैनेजर ने कहा।
चलिए दिखाते है ।प्रताप ने कहा और वे तीनों होटल के स्टोर रूम में पहुंच गए। यह तो होटल का स्टोर रूम है ।मैं तो यहां कितनी बार आता जाता रहता हूं लेकिन मुझे कभी भनक तक नहीं लगी।
मैनेजर ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।
तीनो सुरंग के मुहाने पर पहुंचे अलमारी के पीछे था ।अलमारी एक तरह से दरवाजा थी जिसे अंदर या बाहर से घिसकाकर आया जाया जा सकता है।
तीनो अभी उस अलमारी को खोलकर देख ही रहे थे की तभी उन्हें धक्का देते हुए पांच गुंडे हाथ में बंदूक लिए अंदर से बाहर आ गए ।
अच्छा हुआ तुम दोनो यही मिल गए । उसमे से एक नकाब पॉश ने कहा ।प्रताप ने कहा _ अरे ये तो वही तीनो साधु और दोनो नकाबपोश हैं जिन्होंने हमारा अपहरण किया था।
उनके नेता ने कहा_ ठीक पहचाना तुमने अब चुपचाप हमे उस खजाने का पता बता दो वरना तुम दोनो को यही जान से मार देंगे।
इन तीनो को रस्सी से बांध दो।
दोनो साधुओं ने इधर_ उधर नज़र दौड़ाई ।उन्हें तुरंत रस्सी मिल गई।बंदूक के बल पर दोनो ने उन तीनो को बांध कर तीन कुर्सियों पर बैठा दिया।
अगर दस मिनट के अंदर हमे खजाना पता नही बताया तो तुम दोनो का खेल आज खत्म हो जाएगा।उस नकाब पोश ने कहा।
देखिए मैं पहले भी कह चुका हूं वो किला सरकार की संपत्ति है इसलिए खजाना भी सरकारी संपत्ति है। इसलिए मैं उसका पता नही बता सकता।
ज्यादा देश भक्त मत बनो तुम्हे तुम्हारा हिस्सा भी मिल जायेगा।
उस नकाबपोश ने कहा।
मुझे लालच मत दीजिए। मैं गरीब जरूर हूं लेकिन गद्दार नही हूं ।मैं देश के साथ गद्दारी नहीं कर सकता प्रताप ने दृढ़ स्वर में कहा।
ये ऐसे नही मानेगा।इसकी दोस्त इस लड़की को पहले मार दो ।अगर फिर भी नही बताया तो इसको भी मार दो सब उस गुंडे ने कहा ।एक साधु ने अपनी बंदूक सुरभी पर तान दिया ।अगर इस लड़की को खरोंच भी आई तो मैं तुम सबको जान से मार डालूंगा।प्रताप ने गुस्से से कहा।
सुरभी के पिता पुलिस बल लेकर होटल पहुंचे ।लेकिन वहा सुरभी और प्रताप कही नजर नही आए।वे सब काउंटर पर गए और मैनेजर के बारे में पूछा ।
एसिटेंट मैनेजर ने कहा _ अभी थोड़ी देर पहले तो यही थे । दो लड़का लड़की आए थे ।वे उन दोनो के साथ स्टोर रूम की तरफ गए है।
स्टोर रूम कहा है चलो ले चलो पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा।

वे लोग अभी थोड़ी दूर गए होंगे की स्टोर रूम से गोली चलने की आवाज आई।सब लोग चौंक गए।पुलिस इंस्पेक्टर ने अपने जवानों को अपनी बंदूके तैयार रखने और सावधानी पूर्वक आगे बढ़ने को कहा।
जैसे ही वे लोग स्टोर रूम में पहुंचे वहा सुरभी घायल अवस्था में कुर्सी सहित गिरी हुई थी।
मैनेजर भी कुर्सी में बंधा हुआ था।लेकिन वहा और कोई नहीं था।सबने सावधानी पूर्वक सबको रस्सी से आजाद किया।सुरभी के पिता अपनी बेटी का हाल देखकर घबड़ा गए।
उन्होंने अपनी बेटी को अपनी गोद में उठाया और अपनी गाड़ी की तरफ भाग खड़े हुए ।इंस्पेक्टर ने उनके पीछे अपने दो जवानों को जाने को कहा फिर उसने मैनेजर से घटना के बारे में पूछा। 
मैनेजर ने सारी बात बताकर उसने कहा _ वे लोग अभी अभी उधर उस सुरंग के रास्ते प्रताप को ले गए है।उसकी जान भी खतरे में है ।वे लोग उससे खजाना का पता पूछ रहे थे लेकिन वो बताने को तैयार नही था।
इंस्पेक्टर ने तुरंत फोन करके पूरी घटना बताकर आदेश मांगा ।
तुम वही रुको पता नही अंदर सुरंग में और कितने बदमाश होंगे ।
मैं पूरी तैयारी के साथ और पुलिस बल भेज रहा हूं और मैं भी आ रहा हूं ।तुम वही सुरंग के मुंहाने पर तैनात रहो और अगर कोई बदमाश आता है उसे जिंदा गिरफ्तार करो या हमला करे तो जवाबी कार्रवाई कर सकते हो ।

शेष अगले भाग _ 24 में 

लेखक
 श्याम कुंवर भारती
बोकारो ,झारखंड
मो.९९५५५०९२८६





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5 Comments

Shnaya

07-Feb-2024 07:43 PM

Nice

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Mohammed urooj khan

06-Feb-2024 01:44 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Alka jain

05-Feb-2024 11:06 PM

Nice

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