जादुई कंचे
गुड्डू : द सुपर हीरो की कहानी
[ जादूई कंचे ]
पार्ट (8)
Recap ........
परंतु झेला और झिमकु नही भाग पाए वह दोनो पकड़े गए ।
दोनो को तुरंत ही एक घर के बाहर पड़ी एक लंबी सी रस्सी से बांध दिया गया.........
अब आगे.......✍️
गुड्डू ने जब झिमकु और झेला को बांध दिया तो एक एक झापड़ (तमाचा ) और दिया ।
" बताओ जल्दी हुकाला कहां गया है, वरना तुम दोनो बच नहीं पाओगे "
दोनो ने कुछ नही बताया ।
" हमे कुछ नहीं पता हमे तो कल ही हुकाला से मुलाकात हुई थी " झिमकु ने गुड्डू को बताया ।
" अच्छा तो तुम ऐसे नही मानोगे" गुड्डू ने दोनो से बोला ।
गुड्डू ने झिमकु के कॉलर के पास से पकड़ कर उठाया तो
झिमकू और झेला दर्द को सहन करते हुए खड़े हों गए दोनो आपस में रासी से बंधे हुए थे इसलिए भागने के सवाल ही नहीं
बनता । पीछे से पिंटू और आगे की तरफ से गुड्डू और अलबेला दोनो को खचेड़ ( घसीटते हुए ) अपनी गली में ले गए ।
इधर गुड़िया खिड़की के पास बैठी नींद में उंग रही थी और खिड़की के कोने पर ऊपर की साइट मिठ्ठू बैठा ऊंग रहा था
उधर गली की बाई ओर से गुड्डू झिमकू और झेला को पकड़कर गली में ले आ रहे थे तभी मिठ्ठू की और गुड़िया की नींद टूट गई थी । गुड्डू को बाहर देख बहन गुड़िया भी बाहर आ गई । रात के अंधेरे में बस वही जादूई कंचे की बोतल रोशनी का काम कर रही थी । जिसे एक हाथ में पकड़कर गुड्डू ने रखा हुआ था उस बोतल को गुड्डू ने बहन गुड़िया को दे दी ।
गुड्डू ने फोन निकाला और पुलिस को कॉल कर दी और तुरंत ही पुलिस भी आ गई ।
पुलिस हेड ऑफिसर ने झिमकु को कॉलर के पास से पकड़ा और बोला कि
"अच्छा तो ये दोनो चोर है "
" आओ अब हम तुम्हे बताएंगे चोरी कैसे ? करते है "
" और ये लाइट कैसे भागी हुई है " इंस्पेक्टर ने झेला से पूछा
" सर सर ये हुकाला ने मैन ट्रांसफार्मर का हैंडल
नीचे कर दिया था " झेला मोटा बोला ।
पुलिस हेड ऑफिसर ने तुरंत एक कॉल मिलाया और लाइट कुछ सेकंड बाद आ गई ।
" ये दोनो तो चोर है ही लेकिन इन दोनो का एक गुरु और है " हुकाला" जो इस वक्त फरार हो गया है लेकिन उसे भी हम जल्द पकड़ लेंगे उसे छोडूंगा नही " गुड्डू ने पुलिस हेड ऑफिसर से कहा ।
हवलदार ने दोनो की रस्सी खोली और हथकड़ी डाल कर गाड़ी में बैठा दिया ।
" बहुत बहुत शुक्रिया गुड्डू भाई तुमने हमारा काम आसान कर दिया और वो हुकाला हम से बचकर कहां जायेगा ,
" इनको तो हम देख लेंगे "
" गुड्डू रात काफी हो गई है अपना ख्याल रखिए "
" तो फिर चलते है, शुक्रिया गुड्डू "
" पुलिस हेड ऑफिसर ने गुड्डू से कहा और फिर जिप्सी में बैठ कर चले गए ।
" चलो अच्छा हुआ पुलिस आकर दोनो गुंडों को ले गई
"अब मैं आराम से घर जाकर सो सकूंगा " पिंटू बोला ।
" और मैं भी " तोता मिठ्ठू बोला ।
" और मैं भी " देखा देखी अलबेला बोला
" और मैं कब से खिड़की पर थी मैं भी " गुड़िया बोली
अब बस गुड्डू ही रह गया था उसने गुड़िया से जादूई कंचे वाली बोतल ली और बोतल से पानी हाथ में डालकर कंचे निकाल कर चूमे आंखों से लगाया और जेब में रख लिए और फिर सारा पानी जमीन पर बहा दिया ।
रात काफी हो गई थी सब आराम करने अपने अपने घर चल दिए ।
जादूई कंचे का रहस्य तो इन आंखों के चूमने में था इस बिखरे हुए पानी में था जिसमे से एक रूह निकलकर सामने आई उसने बहुत सफेद कपड़े पहने हुए थे वह कोई बूढ़े आदमी की रूह थी जिसे एक अच्छे इंसान की जरूरत थी और फिर वह अपनी पांचों शक्तियां उस इंसान को देकर जन्नत की ओर चल देता ।
ये पांचों शक्तियां अच्छे कार्य करनेवाले को दान करने का नियम है लेकिन इसमें एक शर्त है दान करने वाला व्यक्ति कम से कम दो बार इन कंचो के साथ कोई अच्छा कार्य कर चुका हो और बिना शक्तियां सौंपे इंसान की रूह को सुकून नहीं मिलेगा और न वह जन्नत में दाखिल हो सकेगा ।
पहली शक्ति [ रफ्तार ] है जो किसी भी समय उड़ने और दौड़ने में कभी भी इस्तेमाल की जा सकती थी
दूसरी शक्ति [ ताकत ] जो कभी भी बुरे और झूठे इंसान पर आजमाई जा सकती थी
तीसरी शक्ति [ इल्म ] जब कभी किसी ज्ञान की जरूरत हो तो
इल्म हासिल बोलकर इल्म हासिल किया जा सकता था
चौथी शक्ति [ पर्दा ] जब कभी कठिन मुसीबत आए तो ट्रांसपेरेंट की तरह गायब हो सकते थे
पांचवी शक्ति [ तब्दील] किसी भी शक्ति को एक जैसे इंसान या एक जैसे वस्तु में परिवर्तित किया जा सकता था ।
इन सभी शक्तियों का एक मुखिया होता था जिसके पास जितने जादूई कंचे होते उसके पास उतनी ही शक्तियां होती थी
और कंचे का पानी में भीगा होना जरूरी था पानी के बगैर कोई कोई शक्ति काम नही कर सकती थी
रात का समय और रात को चांद तारे आसमान में निकले हुए थे तेज हवाएं चलने लगी थी गुड्डू की सुपर पॉवर टीम रूम में पहुंचकर बिस्तर में लेट चुकी थी तोता मिठ्ठू अपने पिंजरे दान में जा चुका था तेज हवाओं से खिड़कियां हिलना शुरू हुई और खिड़कियों की आवाज से गुड्डू की सुपर पावर टीम जाग गई और खिड़कियों से तेज रोशनी अंदर आ रही थी कि यह सब क्या है ?
सबसे पहले गुड्डू उठा और फिर गुड़िया दोनो को देखकर बरामदे में तोता मिठ्ठू भी बाहर आ गया तीनो बरामदे से बाहर मैन दरवाजे की ओर जाते हुए बाहर चले गए
उधर से बाई और से अलबेला और दाई ओर से पिंटू भी बाहर से चले आ रहे थे ।
" ये रोशनी कैसी है जो सिर्फ हमारे पास आ रही है अलबेला यह तो तुम्हार घर के पास प्लाट वाले पार्क से आ रही है क्या तुमने कुछ देखा ? " गुड्डू ने चौंकते हुए पूछा ।
" नही, पता नही मेरे कदम खुद ब मुझे इधर ले आए " अलबेला ने बताया ।
तभी एक और हरी सी चमकदार रोशनी आती है और उस रोशनी में से वही बूढ़ा आदमी निकल आता है जो उन जादूई कंचो के पानी से निकला था वही मोनू के दादा थे ।
और मोनू के दादा एक सच्चे और ईमानदार समाज सेवक वीर योद्धा रहे थे और ऐसे ही उनके गुरु भी एक वीर योद्धा थे जिसने आज तक मूंगा नगर को बुरी आफतो से बचाए रखा ।
कुछ सेकंड में हरी तेज रोशनी खत्म हो गई और फिर
वही बूढ़ा आदमी उनके सामने आकर, बारी बारी सबसे कहने लगा-
" तुम गुड्डू हो न "
" तुम अलबेला "
" तुम तोता मिठ्ठू "
" तुम पिंटू "
" और तुम गुड़िया "
" लेकिन तुम हमे कैसे जानते हो ? गुड्डू ने कहा ।
" बताऊंगा बताऊंगा " बूढ़े आदमी की रूह ने कहा ।
" तो बताइए फिर " गुड्डू ने बूढ़े आदमी की रूह से कहा ।
बूढ़े आदमी की रूह ने अपनी बात जारी रखी -
" तुम्हारे पास चार कंचे है उसमे से एक कंचा इस शहर के बदमाश हुकाला के पास है "
" वो जादूई कंचे है और मैं उन जादूई कंचो की शक्ति का मालिक हूं
और मैं ये तुम्हे देकर जन्नत की राह निकल जाना चाहता हु "
" इन कंचो में हैरतअंगेज जादू है मेरे बच्चो लेकिन अच्छाई के लिए अच्छाई के साथ इस्तेमाल करना । उस हुकाला जैसे नमक हराम जैसों लोगो के लिए नही है " बूढ़े आदमी ने कहा ।
" जब तुम्हे मैने उस प्लाट वाले पार्क में देखा कि तुमने मेरे पोते मोनू को उस हुकाला से बचाया था मैं समझ गया था तुम एक अच्छे और सच्चे इंसान के ईमानदार और रहमदिल बेटे हो "
इसलिए मैने तुम्हे ये पांच शक्तियां देने के लिए चुना ।
" क्या तुम मोनू के दादा हो " गुड्डू ने पूछा
" हा मेरे बच्चे " बूढ़े आदमी ने जवाब दिया और अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि
" मैं वर्षो पहले अपने बचपन में यही इसी जगह एक खाली मैदान हुआ करता था तब मैं भी कंचे खेलता था मुझे भी भलाई करने का बहुत शौक था तब मुझे भी एक सच्चे और ईमानदार इंसान ने मुझे ये शक्तियां दी थी और फिर इस मूंगा नगर को हमेशा बुरे लोगो से दूर रखा और फिर जब मैं बूढ़ा हो चला तो यह कंचे भी घर में लकड़ी की अलमारी में रखे रह गए और एक दिन में दुनिया से पर्दा कर गया ।
तब से मैं बस एक अच्छे इंसान को ढूंढ रहा हूं जो मुझे तुम्हारे अंदर दिखाई दिया था "
" क्या ये शक्तियां दादा जी हमे मिलेगी या कंचो में ही रहेंगी ? गुड्डू ने मोनू के दादा जी की रूह से पूछा ।
" वो जादूई कंचे दिखाओ " बूढ़े आदमी की रूह ने कहा ।
" ये देखिए " गुड्डू ने कहा ।
कंचे दिखाते ही अलबेला बोला - " गुड्डू मुझे तो कोई लोचा लगता है "
" अलबेला कैसी बात कर रहे है ये सच मैं मोनू के दादा है "
गुड्डू ने अलबेला से कहा ।
बूढ़े आदमी की रूह ने बताया कि
पहली शक्ति पहला कंचा [ रफ्तार ] है जो किसी भी समय उड़ने और दौड़ने में कभी भी इस्तेमाल की जा सकती है
दूसरी शक्ति दूसरा कंचा [ ताकत ] जो कभी भी बुरे और झूठे इंसान पर आजमाई जा सकती है
तीसरी शक्ति तीसरा कंचा [ इल्म ] जब कभी किसी ज्ञान की जरूरत हो तो
"इल्म हासिल" बोलकर इल्म हासिल किया जा सकता है
चौथी शक्ति चौथा कंचा [ पर्दा ] जब कभी कठिन मुसीबत आए तो ट्रांसपेरेंट की तरह गायब हो सकते है
पांचवी शक्ति पांचवा कंचा [ तब्दील] किसी भी शक्ति को एक जैसे इंसान या एक जैसे वस्तु में परिवर्तित किया जा सकता है
इन सभी शक्तियों का एक मुखिया होता है जिसके पास जितने जादूई कंचे होते उसके पास उतनी ही शक्तियां होती है
और कंचे का पानी में भीगा होना जरूरी है पानी के बगैर कोई भी शक्ति काम नही करेगी, याद रखना ।
" आज से तुम ही इन जादूई कंचो के रखवाले हो और तुम्हे इनके एक साथी " तब्दीली " जादूई कंचे को ढूंढकर लाना होगा "
" नही तो इस तब्दीली से हुकाला इस नगर तो क्या पूरी दुनिया में तब्दीली ला देगा उसे रोकना होगा और वह कंचा वापस लाना होगा ।
" ठीक है मोनू के दादा जी " गुड्डू ने कहा ।
मैं जा रहा हूं और कभी मेरी जरूरत महसूस हो तो किसी भी एक कंचे को आंखों से छूकर रख लेना ।
" मैं आ जाऊंगा " बूढ़े आदमी की रूह ने कहा .........
आज के लिए इतना ही शुक्रिया ✍️
लेखक : गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी
क्या होगा जादूई कंचे की शक्तियों के आने के बाद ,
क्या गुड्डू उस तब्दीली कंचे को हुकाला से छुड़ा पाएगा
क्या गुड्डू सभी कंचो की शक्तियों के इस्तेमाल से सुपर हीरो बन जायेगा सस्पेंस को जानने के लिए
आने वाला पार्ट (9) जरूर पढ़े ।
गुड्डू : द सुपर हीरो " रहस्य जादूई कंचे का"
Shnaya
07-Feb-2024 07:41 PM
Nice
Reply
Gunjan Kamal
07-Feb-2024 06:42 PM
👏👌
Reply
Mohammed urooj khan
06-Feb-2024 02:25 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
Reply