लेखनी कहानी -05-Feb-2024
शीर्षक:- मेंहदी लगानी हो।
मेहंदी लगानी हो सुहागन, बनना मुझे तेरी ही दुल्हन। तू पचास साल का जवान, मैं बत्तीस साल की हसीन।
मरती थी मुझ पर हसीना, सुनो मुझे कहा करती थी। तेरे नाम की मेहंदी लगानी, यही ख़त्म हुई प्रेम कहानी।
तेरे नाम की मेहंदी लगानी, कितने विश्वास से कहा था। मेरे नाम की मेहंदी तो नहीं, धोखा बड़ा ज़बरदस्त दिया।
मेंहदी तेरे नाम की लगा ली, कितने विश्वास से लगा ली। ग़ैर के लिए मेंहदी लगा ली, हमसे करके तुमने बेवफ़ाई।
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Gunjan Kamal
07-Feb-2024 06:27 PM
👏👌
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Mohammed urooj khan
06-Feb-2024 03:31 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Alka jain
06-Feb-2024 11:17 AM
Nice
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