लेखनी प्रतियोगिता -07-Feb-2024" नहीं करना आप कोई सवाल"
"नहीं करना अब कोई सवाल"
नहीं करना अब तुझसे कोई सवाल
और ना ही चाहिए.....
अब किसी बात का ज़बाब
वो सवाल कुछ टूटे कुछ अन-टूटे
बहुत कुछ संकलित किया था
मैंने अपने अन्दर....
तेरी यादों तेरी बातों की
एक माला सी पिरोई थी,
सोचा था....
जब मिलूँगी तुझसे,
तो एक अरसे से जो अनकही बातें, यादें और वक़्त
मन के तहखाने में बन्द पड़ा....
तुझे बताऊँगी,
कैसे बिताया मैंने......
सोचा कभी तू भी तो पूछेगा
कैसे रही मेरे बिना तुम....
बैठी उस दर पर
तेरा कदमों की आहत का
करती इंतज़ार.....
और फ़िर तू आया
देख कर तुझे......
सारे सबाल मूक बन कर
रह गये....
तेरे चेहरें के भाव को पढ़,
लिया मैंने....
जो अब भाव विहीन और सपाट,
हो चला था.....
अब कहने को कुछ शेष ना रहा,
तू धीरे- धीरे कदमों से,
वापस मुड़ गया....
मैं ख़ामोश सवालों की,
झड़ी लिये....
देर तक दूर जाते,
मन के अंदर पसरे वीराने पन से लड़ती
तुझे सूनी आँखों से निहारती,
जब तक तू आँखों से,
ओझल ना हुआ....
और फ़िर रह गये सारे सवाल
होटों के बीच दबे.....
घायल परिंदे की तरह छतपटाते....!!
मधु गुप्ता "अपराजिता"
Mohammed urooj khan
08-Feb-2024 11:56 AM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
08-Feb-2024 07:12 AM
खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
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Madhu Gupta "अपराजिता"
08-Feb-2024 11:39 AM
तहे दिल से बहुत-बहुत आभार और शुक्रिया🙏🙏
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Shnaya
07-Feb-2024 07:25 PM
Nice
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Madhu Gupta "अपराजिता"
08-Feb-2024 11:39 AM
Thank u so much 🙏🙏
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