Tabassum

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कंधा


जब कभी मैं,
आऊँ तुम्हारे पास,
अपने कंधे से
दूसरे बोझ हटा देना l

देना अपने कंधे का सहारा,
मेरा सुकून में आशियाना बना देना,
कुछ पूछना नहीं, ना कुछ बताना,
उन खामोश लम्हों को,
कर बंद आँखें बिताना l

जतना अपनी मोह्हबत तो,
अपने हाथों से मेरे सर सहलाना,
फिर छेड़ना कोई किस्सा,
और अपना हाल बताना l

मैं सब बाँट लूँगी तुम्हारा ग़म,
बस मेरा सुकुन तुमसे है,
अपने कांधे से, मेरा सिर ना हटाना l

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5 Comments

Sushi saxena

14-Feb-2024 05:22 PM

V nice

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Mohammed urooj khan

08-Feb-2024 12:02 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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बेहतरीन

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