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चौकड़िया

चौकड़िया

 मनुआ मन को कूरा बारो ,
तन हुइये उजियारो । 
अंगड खंगड लोभ मोह को ,
 जिय से रोज निकारो ।
 काम क्रोध बैर ईर्ष्या को ,
इनका कर मुंह कारो  ।
सत्यम शिवम ध्यान में धरलो,
 अंजान जीव उबारो।

स्वरचित 
डॉक्टर रामभरोसा पटेल अनजान 
छतरपुर मध्य प्रदेश।

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4 Comments

Mohammed urooj khan

08-Feb-2024 12:04 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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बेहतरीन

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Shnaya

07-Feb-2024 07:30 PM

Nice

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