GUDDU MUNERI

Add To collaction

जादुई कंचे

गुड्डू : द सुपर हीरो की कहानी 

[ जादूई कंचे ] 

पार्ट (10)


Recap.........


     तभी आगे से एक नई उम्र का व्यक्ति आया जिसकी लंबी लंबी मूछे थी ताकतवर मालूम होता था बॉडी शोड़ी बनाई हुई थी 

बनियान पहने हुए था अपनी ही मस्ती में चौड़ा जाकर चले आ रहा था । चलते चलते उसने एक राहगीर को थप्पड़ मारा और वह घूमता घूमता गिरा । 

बड़े मजे से दादागिरी झाड़ता हुआ चले आ रहा था उसने आकर अलबेला में टक्कर दी और फिर आगे जाने लगा......….


अब आगे.......✍️


अलबेला टक्कर लगने से लड़खड़ा कर जमीन पर गिरा तो 

गुड्डू ने उस " जाकर "  से उसकी तरफ देखते हुए कहा -

" हेलो देख कर चला करो " 

और फिर 

" उठो अलबेला, लगी तो नही " अलबेला को उठाते हुए कहा । 

" जाकर " ने मुड़कर देखा और गुड्डू से बोला - 

" जाओ अपना काम करो नही तो मारे जाओगे " 

" जाकर नाम है मेरा " कहता हुआ आगे निकल गया ।

अलबेला को कुछ नही हुआ था इसीलिए गुड्डू ने अपने गुस्से को नर्म किया और टीम को घर पर नाश्ता करने के लिए ले गया । 


उधर हुकाला के अड्डे पर " जाकर " पहुंचा और  खूब " हा हा हा हा हा हा हा हा " हंसते हुए हुकाला में तब्दील हो गया  और फिर एक आवाज लगाई " झिमकु"  फिर दूसरी आवाज लगाई " झेला "  दोनो आ जाओ 

हा हा हा हा हा हा हा और खूब हंसने लगा ।

झिमकू और झेला अंदर दूसरे दरवाजे से आ गए 


"पुलिस कमिश्नर ने हमारी सिफारिश की " झेला ने  झिमकू से  कहा ।

हा झेला ! " लेकिन ये कैसे हो सकता है " झिमकू ने झेला से कहा । 

दोनो की बात सुनते हुए हा हा हा हा हा हा हा हा हुकाला है कि हंसे ही जा रहा था ।

" क्या बात मालिक आप बहुत हंस रहे है देखो जेल में हमारी क्या हालत हुई है वो तो कमिश्नर ने हमारी जमानत दे दी " 

झिमकू ने  हुकाला से कहा ।

" हँसू ना तो क्या करू बेवकूफो वो कमिश्नर नही था वो मैं था 

आगे आगे देखा क्या क्या कमाल तुम्हे दिखाता हूं " हुकाला ने कहा ।

फिर हुकाला बता रहा था कि कैसे उसने तुम्हे छुड़ाया ।

हुकाला को उस तब्दीली कंचे का राज मालूम हो गया था जब दादा जी गुड्डू को जादूई कंचो की शक्तियों के बारे में बताया था तब वह वही एक घर के आगे लगे पेड़ के पीछे से सबकुछ सुन रहा था और सुनकर अपने अड्डे पर चला आया और रात भर  आराम करने के बाद सुबह आखें खुली तो उसका लिबास  कपड़े ,रंग रूप सब बदल चुका था एक काली शाल कमर पर लटकी हुई थी जिसके नीचे एक शीशी के फ्रेम में लगी शीशी में वो जादूई तब्दीली कंचा रखा हुआ था तथा 

हुकाला जब उस जादूई रोशनी वाले तब्दीली कंचे को ढूंढना चाहा तो उसने एक शीशे में अपना रूप देखा तभी उसे वह कंचा उसकी कमर में फिट शीशी में दिखाई दे गया था और फिर हुकाला समझ गया था यह जरूर मोनू के दादा की शक्तियां इन कंचो में आ गई है उसी का कमाल है । 

इससे हुकाला बहुत फायदा उठाएगा । 

      उसमे मोनू के दादा के कहे शब्दो के अनुसार उस कंचे को निकाला । हुकाला ने कमरे की खिड़की के पास आकर जादूई तब्दीली कंचे से कहा -खिड़की तब्दीली और हुकाला खिड़की में तब्दील हो गया और फिर वापस अपने रूप में आया हंसने लगा उसने एक बार फिर आजमाया खिड़की से उसने एक साइकिल पर सवार दूध वाले को जाते देखा उसने खिड़की में से देखकर जादूई तब्दीली कंचे से कहा - तब्दील दूधवाला वह दूध वाला बन गया । 

हुकाला हा हा हा हा हा खूब हंस रहा था कि उसके है नजायज काम अब आसानी से बन जायेंगे लेकिन सबसे पहले उसे झिमकु और झेला को पुलिस स्टेशन से छुड़ाना होगा ।

 हुकाला दूध वाला बनाकर पुलिस स्टेशन गया वहां उसने देखा कमिश्नर साहब जिप्सी में बैठकर जा रहे थे उसने तुरंत ही तब्दीली जादूई कंचे से कहा - तब्दीली पुलिस कमिश्नर और वह पुलिस कमिश्नर के रूप में आ गया । 

   हुकाला ने अपने कदम पुलिस स्टेशन की ओर बढ़ाए पुलिस स्टेशन के बाहर पहुंचते ही बाहर खड़े हवलदार ने सैल्यूट किया और हुकाला अंदर हेड पुलिस ऑफिसर के रूम में गया 

जिसने झिमकु और झेला को पकड़ कर हवालात में बंद कर दिया था ।

     हुकाला ने कमिश्नर के रूप में तुरंत ऑर्डर दिए कि झिमकू और झेला को नहीं छोड़ा तो नगर में भूचाल आ जायेगा और हमारी बदनामी होगी कि सीधे सादे इंसानों को पकड़ कर जेल में बंद कर दिया ।

जल्दी इन्हे छोड़ दो मैं एक केस में मिलने बाहर जा रहा हूं

हुकाला तिरछी नजरों से देखता हुआ बाहर आ गया 

 हेड पुलिस अफसर ने उन दोनो झिमकू और झेला को रिहा कर दिया । 

हुकाला ने बाहर आते ही बाहर निगरानी पर खड़े हवलदार को गाड़ी निकालने को भेजा तभी उसे "जाकर" बॉडी बिल्डर दिखाई दिया और तुरंत साइड होकर तब्दीली "जाकर बॉडी बिल्डर " कहा और बन  गया ।

आगे कुछ लोगो से मजे लेते हुए यहां अपने अड्डे पर तुम्हे मिलने चला आया ।

" इस तरह से तुम दोनो रिहा होकर मेरे पास आ रहे हो  " हुकाला ने कहा ।

" बहुत बहुत शुक्रिया मालिक " झेला ने बोला ।

" मैं बाहर से  कुछ माल पानी लाता हूं, चलो तुम फिर लग जाओ काम पर " हुकाला ने दोनो से कहा । 


इधर टेबल पर बैठे गुड्डू ,अलबेला , पिंटू और गुड़िया नाश्ता कर चुके थे और फिर वह बाहर नगर में घूमने निकले थे साथ में मिठ्ठू भी था । गुड्डू अपनी शक्तियों का ट्रायल लेने के लिए वह गली के प्लाट वाले पार्क में सबको ले गया जहां पर गुड्डू ने सबसे पहले अपनी कमर लगी शीशी से एक जादूई कंचा निकाला जिस पर रफ्तार लिखा हुआ था यानी यह रफ्तार जादूई कंचा था गुड्डू ने रफ्तार बोला लेकिन वह न भागा न ही उड़ा । गुड्डू ने कई बार ट्राय किया लेकिन नही हुआ  । तब मिठ्ठू तोता बोला - पहले भागो ! भागो ! भागो ! फिर बोलो ! 

" ठीक है " गुड्डू ने कहा । 

गुड्डू पहले रफ्तार जादूई कंचा लेकर थोड़ा भागा और कहा रफ्तार जैसे ही रफ्तार कहा गुड्डू इस कोने से फटाक से उस लास्ट कोने पर जा पहुंचा । 

और फिर उस कोने से रफ्तार बोला इस कोने पर चला आया ।

जिसे देखकर सुपर टीम बहुत खुश नजर आ रही थी .........



आज के लिए इतना ही शुक्रिया ✍️ 

लेखक : गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी 

  

क्या होगा जादूई कंचे की शक्तियों के आने के बाद ,

क्या गुड्डू उस तब्दीली कंचे को हुकाला से छुड़ा पाएगा 

क्या गुड्डू सभी कंचो की शक्तियों के इस्तेमाल से सुपर हीरो बन जायेगा सस्पेंस को जानने के लिए 

आने वाला पार्ट (11) जरूर पढ़े ।

 गुड्डू : द सुपर हीरो " रहस्य जादूई कंचे का" 









   24
4 Comments

Gunjan Kamal

11-Feb-2024 12:11 AM

👌👏

Reply

Varsha_Upadhyay

09-Feb-2024 12:58 AM

बहुत खूब

Reply

Mohammed urooj khan

08-Feb-2024 11:34 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

Reply