Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -10-Feb-2024

शीर्षक - बदमाश दिल


अनीता और राज एक शहर के एक ही मोहल्ले की रहने वाली थे ।और दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे अनीता की एक सहेली सुनीता भी अनीता की घर के पास ही रहती थी राज अपने घर का एक इकलौता बेटा था। आज के आधुनिक युग में लड़की ही हुए लड़के दिल तो बदमाश होता ही है बदमाश दिल क्योंकि आज आधुनिक युग में दिल तो सभी का इश्क मोहब्बत की चाहत के लिए धड़कता है और धड़के भी क्यों ना क्योंकि जीवन की राह और जीवन की मंजिल किसकी कितनी है यह कौन जानता है और आज में ही जीवन होता है कल किसने देखा है और बदमाश दिल अगर ना हो तो जवानी और दीवानी का एहसास और एतबार कहां हो। राज और अनीता के साथ सुनीता तीनों का मिजाज कुछ आधुनिक रूप में ऐसा ही था कल की सोच ना करते हुए आज में जीवन जीना चाहते थे तीनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे परंतु अनीता जितनी रूढ़िवादी थी सुनीता अपनी आधुनिक थी वह गले मिलना लड़कों से एक दूसरे लड़के को हाथ मिलाना और आधुनिकता की जो भी सीमाएं थी वह सभी को एक आज के दौर का मन और भाव के साथ बदमाश दिल जो प्यार मैं धड़कता है परंतु आज के आधुनिक समय के साथ अनीता की सोच बदमाश दिल के प्रति एक दूसरे का साथ निभाने की परंपरा पर सोच रखती थी। अनीता और सुनीता दोनों ही राज को चाहती थी और राज भी अपने बदमाश दिल के साथ दोनों को अलग-अलग तरह से प्रेम करता था परंतु जहां अनीता बदमाश दिल राज के साथ उसकी बदमाशियां का मजा केवल बातों से और छेड़छाड़ से दिया करती थी वहीं सुनीता का बदमाश दिल और राज की बदमाशियां हद की सीमाएं पार कर दिया करती थी और एक दिन बदमाश दिल बेकाबू हो जाता है और सुनीता अनीता से कहती हैं। कि वह कुछ गलत गलती कर चुकी है बदमाश दिल के साथ राज के साथ बदमाशी करने के साथ बदमाश दिल के साथ में कई बार हम बिस्तर हो चुकी हूं और अपने मां बनने वाली यह सुनकर खुशी से झूम उठी और बदमाश दिल की हरकतों का मजा लेने का फल सुनीता के पेट में था और सुनीता अनीता से कहती है अब हमें क्या करना चाहिए। तब अनीता कहती है कि आप अब राज को सब बात स्पष्ट बता दें और निर्णय उसके ऊपर छोड़ दे। दोनों की बात हो ही रही थी कि राज आ जाता है और वह दोनों की बात सुन लेता है राज को देखकर सुनीता अपने बदमाश दिल को रोक नहीं पाती है और अनीता के सामने ही राज के गले लिपट जाती हैं। और राज से कहती है कि मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनने वाली हूं। तब राज कहता है सुनीता तुम इतनी आधुनिक विचारों वाली हो फिर तुमने मुझे इतना जीवन में एतबार और एहसास दिया तब तुम यह बच्चा बदमाश दिल हम दोनों की निशानी है। और सुनीता के आंसू पोंछते हुए राज अनीता के सामने ही सुनीता को गले लगा लेता है। और अनीता से सिंदूर लाने को कहता हैं सच सुनीता कहती है सच तो यही है राज सुनीता की मांग में सिंदूर भर देता है और उसको लेकर हंसते हुए अपने घर की ओर चल पड़ता है सुनीता भी अपने मन में भावों में सपने संजोने लगती है। और सुनीता अनीता को देखते हुए कहती है बदमाश दिल तो हमारा है परंतु नादानियां भी कर जाता है तब अनीता कहती है कि सच तो तेरी किस्मत है कि राज इस बात के लिए मान गया और बदमाश दिल तो दिल होता है परंतु हमें भी अपनी राह को समझना चाहिए शायद हर किसी की किस्मत सुनीता और राज की तरह नहीं होती है ऐसा अनीता कहती है और फिर तीनों दोस्त अपनी दोस्ती के लिए खुशियां मनाते हैं और अब अनीता राज को जीजा जी कहकर चिढ़ाती है फिर राज भी कहता है बदमाश दिल अब भी साली के लिए दीवाना है। और फिर तीनो खुशी खुशी अपने जीवन में एक दूसरे के साथ जिंदगी अपने बदमाश दिल के साथ निभाने लगते हैं। सच तो बदमाश दिल है परंतु बस साथ निभाने वाला अच्छा होना चाहिए अनीता सुनीता और राज एक दूसरे के दोस्त आज भी बदमाश दिल के साथ निभाते हैं। सच और कल्पना के साथ हमारी कहानी बदमाश दिल आधुनिक रंगमंच से आज की नई पीढ़ी की सोच के साथ कहती है दिखती है परंतु किसी की साथ इसका कोई मिलना एक इत्तेफाक होगा। और बदमाश छतों हम सभी का होता हैं। बस निभाने वाला मिलना चाहिए।

                 नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र 

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3 Comments

Mohammed urooj khan

12-Feb-2024 01:14 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Varsha_Upadhyay

11-Feb-2024 06:34 PM

Nice

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Gunjan Kamal

11-Feb-2024 07:39 AM

👏👌

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