सरोजिनी नायडू और राष्ट्रीय महिला दिवस (कविता) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु-13-Feb-2024
दिनांक- 13.० 2 .2024 दिवस- मंगलवार विषय- सरोजिनी नायडू और राष्ट्रीय महिला दिवस (कविता) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु
बहुत सारे लोगों को राष्ट्रीय महिला दिवस और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर दुविधा रहती है। तो आज मैं आपको बताना चाहूंँगी कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है , जबकि 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आज के ही दिन (13 फरवरी) प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी ,उच्च कोटि की कवयित्री, भारत कोकिला यानी नाइटिंगल ऑफ़ इंडिया, भारत की प्रथम महिला राज्यपाल सरोजनी नायडू का जन्म 1879 में हैदराबाद में हुआ था। उनका जीवन प्रत्येक महिला के लिए प्रेरणा स्रोत है। इसीलिए इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।सरोजनी नायडू ने ऐसे समय में महिलाओं को जागृत करने का काम किया था जब देश अंग्रेजों का गुलाम था, महिलाएंँ बेजान तस्वीर की भांँति घरों के अंदर कैद होकर रहती थीं।सरोजनी नायडू के नेतृत्व में बहुत सारी महिलाएंँ स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाईं। आज उनके जन्मदिवस पर उन्हें समर्पित है आज की मेरी कविता जिसका शीर्षक है-
राष्ट्रीय महिला दिवस और सरोजनी नायडू
आओ जानें आज हम सभी, भारत कोकिला नाम को। 13 फरवरी 1879 में जन्मीं, नमन स्वतंत्रता सेनानी महान को।
उच्च कोटि की ये वक्ता थीं, ना अबला यह सशक्ता थीं। टूटे सपने, शक्ति ,आशा जानो, इनकी कविता के जान को। आओ जानें आज हम सभी, भारत कोकिला नाम को।
जीवन,मृत्यु ,गौरव ,सौंदर्य, अपनी कविता में बात करें। सद्भावनाएँ साथ भरी थीं, सब पर ही आगाज़ करें। विरले ही जन कोई होंगे, स्मरण न करें ज्ञान की खान को। आओ जाने आज हम सभी, भारत कोकिला नाम को।
इनकी कविता के पद्य गेय थे, इन्हें गाना बड़ा मनोहारी था। भारत कोकिला नाम पड़ा था, पूरा जग बलिहारी था। अघोरनाथ चट्टोपाध्याय पिता थे, जानो वरदा सुंदरी माता के नाम को। आओ जाने आज हम सभी, भारत कोकिला नाम को।
भ्राता- भगिनीआठ थे इनके, उनमें वो थीं सबसे बड़ी। एक भाई वीरेंद्रनाथ थे , जो थे सशक्त क्रांतिकारी। हरिद्रनाथ कथाकार, कलाकार, कवि थे , ऊंँचा किए देश की शान को। आओ जाने आज हम सभी, भारत कोकिला नाम को।
1947 में उत्तर प्रदेश की , ये पहली राज्यपाल हुईं। इसीलिए उनका जन्म दिवस को, राष्ट्रीय महिला दिवस नाम दई। है महिला कमज़ोर नहीं, पूरा कीं वो इस अरमान को। आओ जाने आज हम सभी, भारत कोकिला नाम को।
13 फरवरी 2015 से, राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हम। आज भी उनके जन्मदिवस पर, करें कुछ दिलचस्प बातें हम। 1989 में गईं ब्याहीं गोविंदराजुल नायडू से , ये वो प्रतिभा धनी व्यक्ति थे जो चाहे भौतिक विज्ञान को। आओ हम सब याद करें, भारत कोकिला नाम को।
सामान्य नहीं मेधावी थीं वो, बारह वर्ष में पास कीं बारह। लेडी ऑफ द लेक लिखीं जब, उम्र थी इनकी मात्र बस तेरह। गोल्डन थ्रेशोल्ड पहली कविता थी, जानें हम इस पैगाम को। आओ हम सब याद करें, भारत कोकिला नाम को।
एक बार की बात सुनो तुम, गहन समस्या में थीं उलझी। अथक प्रयास वो करके हारीं, तब भी नहीं समस्या सुलझी। लेडी ऑफ़ द लेक कविता सृजन कीं, लेने हेतु छोटे से विराम को। आओ हम सब याद करें, भारत कोकिला नाम को।
वर्ड ऑफ टाइम, ब्रोकन विंग, कविता की भी रचयिता थीं। लोगों के यह मन अति भाईं, काव्य लोक की सविता थीं। 1914 में मिलीं बापू से, शीश झुकाईं उनके ज्ञान को। आओ हम सब याद करें, भारत कोकिला नाम को।
हैदराबाद थी जन्मस्थली, भारत बना था कर्मस्थली। कर्तव्य परायणा बाला थीं, देश का ऊँचा गौरव कर लीं। आओ शीश झुकाएँ इनको, इनके जाबाजी काम को। आओ हम सब याद करें, भारत कोकिला नाम को।
धार्मिक वातावरण था घर का, श्री राम के सभी आराधक थे। जीवन इनका बड़ा सरल था, ना कोई दुर्व्यसन घातक थे। बनी शासिका उत्तर प्रदेश की, जग सराहे इनके हर काम को। आओ हम सब याद करें, भारत कोकिला नाम को।
साधना शाही, वाराणसी
Shnaya
17-Feb-2024 10:42 PM
Nice one
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Mohammed urooj khan
15-Feb-2024 01:03 AM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Sushi saxena
14-Feb-2024 06:18 PM
Very nice
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