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स्वैच्छिक

शीर्षक स्वैच्छिक

हमारे मानव जीवन में इंसान को कुछ भी पाने की चाह में इंतजार करना होता हैं और उसके लिए संघर्ष भी करना होता है।

इंसान जो चाह रखता है धीरे धीरे उसको पाने की कोशिश करता है और अपने जीवन में आगे बढ़ता है।

आप जो चाहते हो आपको मिलता ही है पर आपको संघर्ष करना होगा। आपने अपने परिवार से जो भी इच्छा की या जो भी मांग की तब आपके परिवार वालों ने समय समय पर या समय से पहले ही आपको लाकर दी और कुछ ने ज्यादा इंतजार भी कराया और कुछ ने ज्यादा इंतजार नही कराया।

पर इंसान को अपने जीवन में इंतजार क्यों करना पड़ता है इस मुद्दे पर थोड़े समय पर चर्चा करेंगे।

सबसे पहले इस कहानी पर नज़र डालते है एक लड़का था जिसने अपने जीवन में लंबा इंतजार करना पड़ा।

जब वह इस संसार में आया तब उसको 9 महीने का इंतजार करना पड़ा और सभी लोग भी 9 महीने का इंतजार ही करते है।

उसके बाद अधिकतर बच्चों को पहला कदम चलने के लिए 1 से 1.50 साल इंतजार करना पढ़ता है लेकिन इसे 2 से 2.50 साल इंतजार करना पड़ा।

उसको स्कूल जाने के लिए 5 साल का इंतजार करना पड़ा लेकिन बाकी लोग 4 साल की उम्र से ही स्कूल चले जाते थे।

जब वह बड़ा हुआ तब उसको कुछ भी पढ़ते नहीं आता था उसके लिए उसे 8 साल का इंतजार करना पड़ा बाकी लोग 6 साल से पढ़ना सिख जाते थे।

जब वह थोड़ा बढ़ा हुआ तब वह साइकल सीखना चाहा पर सही वक्त मे साइकल सिख नही पाया । उसको साइकल सीखने में, 15.50 साल का इंतजार करना पड़ा और बाकी लोग 10 साल में या उससे पहले साइकल चलाना सिख जाते थे।

जब वह बढ़ा हुआ तब उसको मोबाइल की चाह थी पर उसके पास मोबाइल नही था वह अपने दोस्तो के पास के मोबाइल से दिल लगा लेता था और उसे खुद के मोबाइल के लिए 18 साल का इंतजार करना पढ़ा और बाकी लोगो के पास 16 साल में मोबाइल आ जाता था।

फिर वह स्कूल लाइफ से कॉलेज लाइफ में आया और उस समय का दौर बाइक, गाढ़ी का हो चुका था और साइकल का प्रयोग धीरे धीरे कम हो गया था।

वह साइकल से रेल्वे स्टेशन पर जाता और साइकल से घर वापस आता था पर उसने बाइक नही सिखा था

उसको बाइक सीखने में 23 साल 4 महीने 9 दिन का इंतजार करना पढ़ा। बाकी लोग 18 साल या उससे नीचे की उम्र में सिख जाते थे।

अर्थात उस लड़के को बचपन से लेकर अब तक बहुत इंतजार करना पड़ा और कुछ चीजों को सीखने के लिए थोड़ा संघर्ष थोड़ी मेहनत करना पढ़ा।

अब सवाल करते है जो हमारा मुद्दा बना था यानी हमको इंतजार क्यों करना पढ़ता है। आइये समझते है इन उदाहरणों के द्वारा

पहला उदाहरण

यदि मान लो आप बैंक में पैसे निकालने या जमा करने गए होते है तब वहा पर लंबी भीड़ होती हैं और उस भीड़ में आपको लगना होता है । भीड़ बहुत लंबी होती हैं और आपके आगे बहुत ज्यादा लोग रहते है और पीछे भी होते है।

आप अपना नंबर के लिए इंतजार करते रहते हो जब तक आपका नंबर नही आता तब तक इंतजार करना होता हैं।

अब सवाल आता है की हमको लंबा इंतजार क्यों करना होता है वो इसलिय क्योंकि बैंक में हम अकेले ही नहीं है हमारे आगे भी बहुत है और पीछे भी बहुत है और जब तक हमारे आगे वालों का नंबर नही आता जब तक उनका काम खत्म नही होता तब तक हमको इंतजार करना होता हैं।

यानी की कहने का तात्पर्य यह है की इस संसार में हम अकेले नही है बल्कि सभी लोग हैं और वे सभी इंतजार पूरे होने के लाइन मे खड़े हुए है कुछ लोग हमसे आगे है और कुछ लोग हमसे पीछे है।

जो लोग हमसे आगे है उनका इंतजार धीरे धीरे खत्म होता जायेगा और हमारा उतने करीब आता जायेगा और जो लोग हमसे पीछे है उनका इंतजार धीरे धीरे ही कम होता जायेगा।

दूसरा इंतजार

हम अपने भगवान् से अनेक इच्छा मांगते हैं की मेरा यह काम कर दो मुझे यह दिला दो आदि।

पर भगवान् हमको जो चीज जिस समय में चाहिए वह उस वक़्त पर नही मिलता बल्कि उसके लिए लंबा इंतजार करना होता है।

पर हम इतना लंबा इंतजार क्यों कर रहे है वो इसलिए क्योंकि इस संसार में हम अकेले नही है जो भगवान् से इच्छा मांग रहा है।

बल्कि हमारे जैसे अनेको है जो भगवान् से इच्छा मांगते हैं और यह सभी इच्छा की लाइन पर लगे हुए है। कुछ हमसे आगे खड़े हुए है और कुछ पीछे खड़े हुए हैं।

जो लोग हमसे आगे लगे है भगवान् उनकी इच्छा को पहले सुनेगा और पूरी करेगा और तब तक हमको इंतजार करना होगा क्योकि हमारा अब तक नंबर नही आया है

इन दोनों उदाहरण द्वारा हमने जाना की हमको लंबा इंतजार इसलिए करना होता हैं क्योकि अब तक हमारा नंबर नही लगा है और हमसे पहले भी इसकी लाइन पर लग चुके है कुछ लोग आगे है और कुछ लोग पीछे है।

जब तक हमारे आगे वालो का नंबर खत्म नही होता तब तक हमको लम्बा इंतजार करना होगा

और जीवन में हम सभी को इंतजार करना सीखना चाहिए थोड़ा सस्पेंस भी रखना जरूरी है। यदि हमने सस्पेंस बनाए नही रखा और सब कुछ आज ही पता लगा लिया तो देखने का क्या मजा है।

इसलिए इंतजार के साथ मे थोड़ा सस्पेंस भी बनाए रखो।

मानव जीवन में ऐसे बहुत सारे उदाहरण देखने मिलते हैं जिससे यह निष्कर्ष निकाला जाता हैं की मानव को इतना लंबा इंतजार क्यों करना पढ़ता है।

Priyanshu choudhary प्रतियोगिता हेतु

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5 Comments

Rupesh Kumar

18-Feb-2024 05:25 PM

बहुत खूब

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Shnaya

17-Feb-2024 10:49 PM

Nice one

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Mohammed urooj khan

17-Feb-2024 03:51 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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