Sadhana Shahi

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चंदा मामा बाल गीत,प्रतियोगिता हेतु18-Feb-2024

चंदा मामा बाल गीत( भोजपुरी कविता)

बड़ा दूर तूँ रहेल मामा, कब्बो त हमरे घरे अईब। गुड़ का मीठा पुआ पकईब, थाली में तू परस के खईब।

हेने आव, होने आव, चंदा चारो कोने आव। दुअरा पर बा छाईल अनिहरिया, दूर भगाके गोने आव।

चंदा आके प्रबुद्ध जनन के, इहो गुनावा सिखवले जइह। तिल-तिल कटके साफ़ हो जइब, कटला से तू बचले जइह।

अगर न बुझल त तू भइया, जाने-अनजाने कटते गईल। कर ल फिर तूँ जम के मेहनत, पहिले वाला रूप के पइह।

पहिले वाला रूप के पाके, जग से तूँ अंँधियारा हरिह। हर अंँधियारा अखिल धरा पर, उजियारा क दीप जलइह।

शीतलता तूँ जग के दीह, साथ में ठंडक भी पहुंँचईह। कवनो घर ना छूटे पावे, हर घर में प्रकाश दे जईह।

एक दीप से दीप जली जब, रोशन हो जाई पूरी दुनिया। अंँधियारा के दूर भगा के, सभी जनन के करिह गुनिया।

जग तोहरा के मामा कहेला, मामा जस तू प्यार लुटईह। ऊँच- नीच और जात- पात क, मामा कबो भेद ना लईह।

साधना शाही, वाराणसी

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6 Comments

Gunjan Kamal

20-Feb-2024 02:39 PM

👌🏻👏🏻

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Mohammed urooj khan

19-Feb-2024 11:44 AM

👌🏾👌🏾👌🏾

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बेहतरीन बाल गीत

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