चंदा मामा
चंदा मामा बड़े दूर तुम,
आसमान के प्यारे हो,
धवल चाँदनी जग को देते,
सबके राजदुलारे हो।
पृथ्वी माँ के प्यारे भैया,
हम सब कहते मामाजी,
छोटा-बड़ा या बच्चा बूढ़ा,
ताऊजी या चाचाजी।
तुमसे मिलने जी ललचाए,
नील-गगन मन हरषाए,
ऐसा जतन करो मामाजी,
ज्योत्सना रथ बन जाए।
सवार होकर आएं हम सब,
नानी से चरखा सीखें,
एक-एक कर तारे फैंकें,
धरती पर जाकर दीखें।
जगमग-जगमग रोशन कर दें,
धरती की स्नेह चुनरिया,
कभी न मैला होगा आँचल,
“श्री” शाश्वत सत्य चुनरिया।
स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)
Varsha_Upadhyay
20-Feb-2024 05:15 PM
Nice
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Mohammed urooj khan
20-Feb-2024 11:51 AM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
19-Feb-2024 08:10 AM
बहुत ही खूबसूरत गीत
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Sarita Shrivastava "Shri"
19-Feb-2024 11:36 PM
🙏🙏
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