भोजपुरी पुर्णिका _ खाना खराब
भोजपुरी पुर्णिका _ खाना खराब।
हुस्न जेकर बड़ा बेहिसाब हो जाला।
कली से फुल बन के गुलाब हो जाला।
मोल प्यार के ना जाने अपने गुमान में।
खुशबू बदन के नशा शराब हो जाला।
हो जाए घायल दिल उनके हंसी पर।
दिल पर कटार तिल शबाब हो जाला।
सजा प्यार के मिलल उनसे तन्हाई के।
देख मुंह मोड़े खाना खराब हो जाला।
चाहे सजा दा हमके तनी मुसका दा तू।
तोहार मुस्की दवा लाजवाब हो जाला।
जख्म दिल के आंसू बन निकले हमरो।
नैन मिल जाई इश्क किताब हो जाला।
श्याम कुंवर भारती
बोकारो,झारखंड
RISHITA
26-Feb-2024 04:45 PM
Awesome
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Mohammed urooj khan
26-Feb-2024 01:13 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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KALPANA SINHA
26-Feb-2024 10:38 AM
Nice
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