Sadhana Shahi

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वचन (कविता) प्रतियोगिता हेतु26-Feb-2024

दिनांक- 26,0 2,2024 दिवस- सोमवार प्रदत्त विषय- वचन प्रतियोगिता हेतु

वचन वस्तु एक है ऐसी, जिसका जीवन में बड़ा महत्व। नाप-तोल के इसे निकालिए, यही देता दूरी, अपनत्व।

कर्कश वचन ही कर देते हैं, रिश्तो को सारे निष्प्राण। इसी से घर में आती खुशियांँ, ये ही करते सदा हैं त्राण।

वचन से रिश्ते सिंचित होते, वचन से झुलसे जाएँ। मानव में मानवीय लाते, अमानवीयता भी यही दिखलाएंँ।

मधुरता, सुंदरता जीवन में, यह ही लेकर के आता । पतझड़ सा वीरानी लाए, मधुमास सा रंगत लाता।

वचन ही बन जाता है कैंची, रिश्तों को वह देता काट। वचन ही सुई धागा बनकर, बिखरे रिश्तों को देता साट।

मधुर वचन मधु बन जीवन में, है मिठास फैलाता। कटुक वचन को तीर सा समझो। पीड़ा और घाव दिलाता।

कुछ अपनों के वचन ही हमको, अपनों से कर देते दूर। आंँखों से है अश्क छलकता, हर रिश्ता दरके भरपूर।

देवदारू की छांँव यही है, यह ही जीवन में नागफनी। अकिंचन भी यही बनाता, कुबेर सा करता यही धनी।

कहे साधना सुन लो बंदों, समय से वचन की ताकत समझो। नीर, प्रकाश, मृदा,खग यह है, तोलो,बोलो कभी ना उलझो।

साधना शाही वाराणसी

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5 Comments

Gunjan Kamal

28-Feb-2024 01:05 PM

बेहतरीन

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kashish

27-Feb-2024 03:11 PM

Amazing

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Mohammed urooj khan

27-Feb-2024 12:17 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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