Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -27-Feb-2024

शीर्षक -चन्द्र शेखर आजाद शहीद दिवस


आजो हम सभी पाठक आज देश के वीर शहीद दिवस पर विशेष ध्यान देते हैं। प्रारंभिक जीवन चंद्रशेखर का जन्म दिसंबर 1986 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के छुतमलपुर कस्बे में गोवर्धन दास और कमलेश देवी के घर हुआ था।भारत माता के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद की 23 जुलाई को 117वीं जयंती है. 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ में जन्में चंद्रशेखर आजाद ने महज 24 साल की उम्र में देश के लिए अपने प्राणों की आहूती दे दी. चंद्रशेखर आजाद का असली नाम चंद्रशेखर तिवारी था. चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के भाबरा गांव में हुआ था। मूल रूप से उनका परिवार उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदरका गांव से था, लेकिन पिता सीताराम तिवारी की नौकरी चली जाने के कारण उन्हें अपने पैतृक गांव को छोड़कर मध्यप्रदेश के भाबरा जाना पड़ा था।गिरफ्तारी के बाद कोड़े खाते हुए बार-बार वे भारत माता की जय का नारा लगाते रहे और जब उनसे उनके पिता नाम पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया था कि मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल है और तभी से उनका नाम चंद्रशेखर सीताराम तिवारी की जगह चंद्रशेखर आजाद बोला जाने लगाचंद्रशेखर आजाद का नाम चंद्रशेखर तिवारी था। आजाद के पिता पण्डित सीताराम तिवारी अकाल के समय अपने पैतृक निवास बदरका को छोड़कर पहले कुछ दिनों मध्य प्रदेश अलीराजपुर रियासत में नौकरी करते रहे फिर जाकर भाबरा गाँव में बस गये। यहीं बालक चन्द्रशेखर का बचपन बीता। उनकी माँ का नाम जगरानी देवी था।दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, आज़ाद ही रहेंगे, आज़ाद ही रहेंगे।” (हम दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, हम आज़ाद हैं, और आज़ाद रहेंगे।) यह नारा आज़ाद की अदम्य भावना और ब्रिटिश उत्पीड़कों का अटूट साहस के साथ मुकाबला करने की उनकी तत्परता का उदाहरण था। वर्ष 1931 में इसी पार्क में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चन्द्र शेखर आज़ाद को अंग्रेज़ों द्वारा एक भयंकर गोलीबारी में वीरगति प्राप्त हुई। आज़ाद की मृत्यु 27 फ़रवरी 1931 में 24 साल की उम्र में हो गई।चन्द्रशेखर 'आजाद (23 जुलाई 1906 — 27 फ़रवरी 1931) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे शहीद राम प्रसाद बिस्मिल व शहीद भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। उन्होंने काकोरी साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जहां उन्होंने ब्रिटिश खजाने से नकदी ले जा रही ट्रेन को लूट लिया। आज़ाद ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि पुलिस उन्हें कभी भी जीवित नहीं पकड़ेगी। इसलिए आज ही के दिन चन्द्रशेखर आज़ाद ने खुद को गोली मारी। जय हिन्द जय भारत माता की जय हो।

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4 Comments

Tabassum

28-Feb-2024 12:49 PM

👏👏

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Mohammed urooj khan

28-Feb-2024 12:48 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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hema mohril

28-Feb-2024 08:34 AM

V nice

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