Vinita gupta

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फर्ज

🌹जय मां शारदे 🌹                                                
      नमन 
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शीर्षक-फर्ज 
🌹🌹🌹🌹🌹🌹
उजालों की चाहत रखने वालों,
कभी तो जला लो एक दीप अपना l
अधिकारों की मांग करने वालों 
कभी तो निभा लो एक फर्ज अपना ll
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जानते नहीं क्या कर्म करना ,
जानते नहीं क्या धर्म अपना l
क्यों किया करते निरर्थक बात तुम 
जानते नहीं क्या मर्म अपना ll

थोथे गाल बजाने वालों ,
कभी तो बता दो एक मर्ज अपना l
अधिकारों की मांग करने वालों,
 कभी तो निभा लो एक फर्ज अपना ll
*****************
बस चलता तो कर लेते तुम,
 सूरज को भी कैद गगन में 
शुल्क बिना रोशन ना करते
 आभा भरते न उपवन में 

खुदगर्जी दिखलाने वालों, 
कभी तो दिखा दो फिर *खर्ज  अपना l
अधिकारों की मांग करने वालों 
कभी तो निभा लो एक फर्ज अपना ll 
*******************
  क्या  मिल गया अमरत्व तुमको ,
   क्या  मिल गया ज्ञानत्व तुमको l
   दंभ में दिखते हो सराबोर तुम ,
   क्या मिल गया पूर्णत्व तुमको l

   खून चूस   कर   पीने वालों ,l
कभी तो स्वीकार लो यह वर्ज अपना ll
अधिकारों की मांग करने वालों 
कभी तो निभा लो एक फर्ज अपना ll
*************
  करते हो दुष्कर्म रोज तुम ,
  भ्रष्ट आचरण के तुम आदी ,
   खून सने हाथों को धोकर 
   फिर करते तुम चौड़ी छाती 

     शर्म बेचकर जीने वालों ,
कभी तो अदा कर दो कर्ज अपना l
अधिकारों की मांग करने वालों , 
कभी तो निभा लो एक फर्ज अपना ll

*खर्ज- व्यय 
विनीता गुप्ता छतरपुर मध्य प्रदेश स्वरचित मौलिक
आज की प्रतियोगिता हेतु विषय स्वैच्छिक दिनांक 29 फरवरी 2024

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5 Comments

hema mohril

03-Mar-2024 11:16 AM

V nice

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Varsha_Upadhyay

02-Mar-2024 08:23 PM

Nice

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Mohammed urooj khan

02-Mar-2024 11:41 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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