अजनबी
लगभग 10-12 वर्ष पूर्व की बात है एक बिजनेस मैन व्यक्ति जिनकी दो-चार कम्पनियां अलग अलग शहरों में थी।
उन कम्पनियों के डायरेक्टर्स से अपने बेटे का परिचय कराने के लिए एवं ये बताने के लिए अब उनका बेटा कम्पनियाँ देखेगा।
उन्होंने होटल में मीटिंग रखी, सबके रहने की व्यवस्था करदी और मीटिंग का समय निर्धारित कर दिया।
सभी समयानुसार अपने गंतव्य तक पहुंचने लगे।
एक महिला डायरेक्टर ने गंतव्य तक पहुंचने के लिए ट्रेन पकड़ी जो कि सुबह 4 बजे छोड़ने वाली थी।
नियत समय पर ट्रेन ने उन्हें छोड़ दिया। हालांकि होटल तक पहुंचने के लिए वाहन की व्यवस्था की गई थी लेकिन उन्होंने वाहन के लिए फोन न करके सोचा कि सुबह हो चुकी है मैं टहलते हुए होटल तक पहुँच जाती हूँ। होटल वह पहले भी आ चुकी थी। यह सोच वह होटल के लिए निकल गई।
अभी वह 10 कदम ही चली होगी कि दो बदमाश उनके आजू-बाजू में चलने लगे उन्होंने अपनी रफ़्तार तेज की तो दोनों बदमाशों ने उनके दोनों बाजू पकड़ लिए। वह बुरी तरह डर गई और चीखने लगी।
बदमाश उन्हें एक ओर घसीटने लगे। तभी अँधेरे में से कोई हीरो की तरह प्रकट हुआ और ताबड़तोड़ ऑफिस ब्रीफकेस से बदमाशों की पिटाई करने लगा। बदमाश पस्त होकर भागने लगे और हल्ला गुल्ला सुनकर लोग भी आने लगे। वह हीरो अँधेरे में से आया अँधेरे में ही गायब हो गया।
लोग पुलिस को बुलाने की बात करने लगे और इधर उधर बचाने वाले व्यक्ति को ढूंढने लगे लेकिन वह कहीं नहीं था।
दरअसल वह उन्हीं बिजनेस मैन का बेटा था जो आज मीटिंग में शामिल होने वाला था वह भी उसी ट्रेन से कोई जरुरी काम निपटा कर वापस आया था उसने अपने घर फोन कर दिया था और गाड़ी का इंतजार करते हुए बाहर आ गया था तभी किसी महिला पर ज्यादती होते देख भिड़ गय। लेकिन वह अपनी पहचान नहीं बताना चाहता था। इसलिए वह चुपचाप अपने गंतव्य तक पहुँच गया।
महिला बहुत डरी हुई थी स्वयं को सुरक्षित पाकर उसने चैन की सांस ली मन ही मन कसम खाई कि जिंदगी में ऐसे हालात कभी पैदा नहीं होने देगी और अपने गंतव्य की ओर चल दी।
स्वरचित- सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)
hema mohril
05-Mar-2024 09:55 AM
Amazing
Reply
Varsha_Upadhyay
02-Mar-2024 06:54 PM
Nice
Reply
Punam verma
02-Mar-2024 02:44 PM
Nice👍
Reply