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आखिर कब तक -02-Mar-2024

प्रतियोगिता हेतु 
दिनांक: 02/03/2024
आखिर कब तक (स्वैच्छिक)

आखिर कब तक तुम यूंही सताते रहोगे?
आखिर कब तक तुम मुंह छुपाते रहोगे?
गलतियां तुम्हारी एक दिन सामने आएंगी,
आखिर कब तक गलतियों से भागते रहोगे?

दुनिया बहुत मतलबी , फरेबी है ए! दोस्त, 
आखिर कब तक फरेब से खुद को बचाओगे?
क्यूं करते हो हर वक्त अपनी मनमानी तुम?
आखिर कब तक अपनी मनमानी कर पाओगे?

ज़िंदा लोगों की कद्र यहां नहीं होती जानते हो,
कद्र के लिए आखिर कब तक मर रहोगे?
जिस्म तो मिट्टी है एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा,
आखिर कब तक इस मिट्टी से खुद को बचाओगे?

शाहाना परवीन 'शान'...✍️ 


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