Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -10-Mar-2024

शीर्षक - स्वैच्छिक (जीवन का सच)


स्वैच्छिक कहानी जीवन का सच हम सभी के जीवन में बहुत कुछ सच होता है परंतु हम सभी अपनी स्वैच्छिक इच्छा होती हैं। सच तो जीवन में हम सभी के साथ होता है आप और हम भी तो जीवन में कहानी और शब्दों के साथ रहते हैं। हम सभी बॉलीवुड हॉलीवुड की फिल्में देखते हैं वह सब हम अभिनय के साथ देखते हैं चलचित्र चलता है परंतु शब्दों की कहानी से ही तो वह चलचित्र जन्म लेता है और वह तो सब अपने एक झूठ करते हैं आप और हम तो अभिनय जीवन के रंगमंच पर सच करते हैं क्योंकि हमारे रिश्ते नाते और हम सब सच-सच कहा साथ रहते हैं। स्वैच्छिक जीवन का सच हमारे सभी के जीवन में हम सभी अपने-अपने स्वार्थ फरेब और रिश्ते नातों के साथ हम सभी को अपने मतलब और सोच के साथ ही हम सभी संबंध बनाते हैं। और समय के साथ हम सभी केवल धन संपत्ति और ऐश आनंद को सहयोग न करके केवल हम अपने जीवन को जीते हैं। आज आधुनिक परिवेश आज हम सभी एक दूसरे से संबंध दिमाग से बनाते हैं। क्योंकि आजकल का नारा देते हैं कि आदमी अगर काम आने वाला है तब गलत बात भी बर्दाश्त कर लें और अगर आदमी नकारा है तब हम समझे कि क्या करना है। स्वैच्छिक जीवन‌ का सच है। यही कहानी के शब्दों को सच और सही लिखने का प्रयास करते हैं। सच तो जीवन का एक रह भी है कि हम सभी जानते हैं हम सभी मानव केवल सांसारिक जीवन में आकर्षण और मोह माया के साथ बंधे हैं। परन्तु फिर भी हम सभी जीवन के सच को स्वीकार करते हैं। हम सभी अपने रिश्तों और सोच को हम सभी जानते हैं। हम सभी जानते हैं कि आज हम सभी अपने जीवन में सच तो यही हैं कि हम सभी आज रिश्तों को लेकर हम सभी अपने मनोभावों में समझते हैं और आज लिविंग रिलेशन को भी आधुनिक समय में जानते हैं। आज हम सभी जानते हैं कि जीवन में बस एक सोच हैं कि हम सभी धन और आर्थिक रूप से मजबूत हो। और धन संपत्ति तो यही रह जाती हैं बस हम सभी अपने कर्म और भाग्य को भूल जाते हैं। आओ हम सभी शब्दों और कहानी के माध्यम से आपको आज अपने जीवन का सच और केवल मन भावों की हकीकत और सच का नियंत्रण ही जीवन का सच है। आज की स्वैच्छिक जीवन का सच यही हैं कि जीवन एक रंगमंच पर किरदार निभाते हैं बस समय के साथ-साथ हमारे जीवन का सच ज़िंदगी की राह और हकीकत तय करता है। स्वैच्छिक जीवन‌ का सच तो यही है कि आज नारी शक्ति हो या मां बहन बेटी बस एक सच तो यही हैं कि नारी ही नारी को सम्मान कहां देती हैं बस हम सभी पुरुष के विचारों को समझें जो कि मन और सोच के साथ साथ सभी का सहयोग करते हैं। आओ हम सभी मिलकर स्वैच्छिक जीवन का सच तो हम सभी जानते और समझते हैं। हम सभी जीवन का सच कहा कहते हैं। बस समय और समाज के साथ-साथ कुदरत ही हम सभी को समझाता है। यही कुछ विचार और व्यवहार में शब्दों के साथ जीवन का सच लिखा है आप और हम सभी जीवन का सच पहचानते हैं।


नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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4 Comments

Varsha_Upadhyay

14-Mar-2024 07:59 PM

Nice

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Gunjan Kamal

13-Mar-2024 10:48 PM

👌👏

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HARSHADA GOSAVI

13-Mar-2024 07:47 PM

Amazing

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