Sadhana Shahi

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मैं तो दिया प्यार का जलाऊँगी( ग़ज़ल) स्वैक्षिक प्रतियोगिता हेतु14-Mar-2024

दिनांक- 14,0 3, 2024 दिवस- गुरुवार विषय-मैं तो दिया प्यार का जलाऊँगी (ग़ज़ल) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु

मैं तो दिया प्यार का जलाऊँगी, भेद-भाव फैला जो मिटाऊँगी। सद्भाव, सदाचार ही चहुंँओर फैले, ऐसा अपने देश को बनाऊंँगी। मैं तो दिया प्यार का जलाऊँगी, भेद-भाव फैला जो मिटाऊंँगी।

तमस ने आके जो हमें घेरा, वहांँ पर रोशनी फैलाऊंँगी। विश्व गुरु देश फिर से बन जाए, ऐसा करतब मैं तो कर जाऊंँगी। मैं तो दिया प्यार का जलाऊँगी, भेद-भाव फैला जो मिटाऊँगी।

देश को हम कभी न बँटने दें, अनेकता में एकता न हटने दें। इसे खंडित करें जो मुंँह तोड़ें, इसे वल्लभ की सोच सा बनाऊंँगी। मैं तो दिया प्यार का जलाऊँगी, भेद-भाव फैला जो मिटाऊँगी।

साधना शाही वाराणसी

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6 Comments

Mohammed urooj khan

15-Mar-2024 01:20 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

15-Mar-2024 11:55 AM

शानदार

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Varsha_Upadhyay

14-Mar-2024 06:49 PM

Nice

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