चुनाव






भोजपुरी पुर्णिका _ आइल चुनाव।

आ गइल चुनाव देखा नेता अब हर जगह नजर अइहे ।
अवले जहां झंकले ना ऊ कबो अब सब डहर जईहे।

कईल कई बार के वादा उनकर पूरा भईल ना अबले।
वोट खातिर फिर करिहे वादा लोग बोली जहर कईहे।

जाती पाती धर्म में उलझा लड़ाके मतलब निकालिहे।
जाई चुनाव भूलिहे वादा फिर कबों ना ऊ एहर अईहे ।

एगो साप नाथ दुसर नाग नाथ केकरा पर करी विश्वाश।
रोजी रोटी के जुगाड में लोग गांव से अब शहर जईहे।

बाबा के संविधान में प्रजातंत्र के राजतंत्र बनावे ना केहू।
परिवारवाद जाती से उठ ऊपर राजनीति सुधर जईहे।

लोभ _लालच ,झूठ _ भ्रम ओरी स्वारथ में ना पड़े केहू।
सोच समझ वोट दिहा नाही त बनल बात बिगड़ जइहे 

छांटिहे छलनीति औरी काटीहे कूटनीती एक ही नेता।
जीतिहे त देश दुनिया में भारत के झंडा फहर जईहै।

श्याम कुंवर भारती
बोकारो,झारखंड





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5 Comments

Mohammed urooj khan

15-Mar-2024 01:13 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

15-Mar-2024 12:09 PM

👌👏

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Abhinav ji

15-Mar-2024 09:20 AM

Nice👍

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