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संगीत

सात स्वरों में विश्व समाया, 

कण-कण में बिखरा संगीत।
सरगम का गुंजन वसुधा पर,
प्रकृति मधुर सुनाए गीत।

सप्त स्वरों की धुन में बहकर,
हृदय स्पंदन बढ़ जाए,
सरगम का छाए जब जादू,
मुरझाए पल्लव खिल जाए।

मधुकर ने संगीत सुनाया,
गुन-गुन कर सप्तक सुर गाया,
महक बिखेरे गुलशन सारा,
कली-कली को भरमाया।

घनप्रिया घनघोर गर्जना
बादल घनन घनन घन गीत,  
राग मल्हार सुनाए सावन,
छम-छम बूंदों में संगीत।

मोहन मुरली तान रिझाए,
मीठे राग सुनाए गीत,
जग बौराया सरगम सुन कर,
“श्री”कृष्णा बन जाए मीत।

स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान) 


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4 Comments

Punam verma

18-Mar-2024 09:12 AM

Nice👍

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Abhinav ji

18-Mar-2024 08:40 AM

Nice👍

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जी अनुपम सृजन।

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