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संगीत

संगीत

 गायन वादन नृत्य सभी में ,
संगीत समाया रहता है  ।
सुंदर गीत सुहावन लगता ,
 मन भावन जो सजता है ।

ढोल नगाड़े हारमोनियम ,
सबके मन को भातें हैं  ।
राग रागिनी एक साथ मिल ,
वो संगीत सजाते हैं। 

ब्याह काज वा तीज दिवारी ,
उत्सव घर-घर होते हैं।
 मन का मोर थिरकता हरदम ,
 खुशियों से भर देते हैं।  

काम कला में निपुण कामिनी,
 संगीतमयी हो जाती है ।
 शुद बुद अपनी खोकर भी वह ,
 नित नव राग दिखाती है । 

दर्शक भी आनंद मयी हो ,
खंबे सा टिक जाता है। 
संगीतो की सरगम सुनकर ,
जगत भाव विसराता है। 

जीवन धन्य उसी का होता ,
 जग जीवन संगीत दिखे ।
 अपनी स्वर्णिम स्वांसों से,
 नित नव नव इतिहास लिखे ।

 स्वरचित व मौलिक 
डॉक्टर आर बी पटेल "अनजान"
शिक्षक व साहित्यकार
 रेडियो ,दूरदर्शन गीतकार 
छतरपुर मध्य प्रदेश।

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7 Comments

RISHITA

21-Mar-2024 06:12 AM

Amazing

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Mohammed urooj khan

19-Mar-2024 11:47 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Alka jain

19-Mar-2024 01:46 PM

Nice

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