संसार
संसार है एक नदिया की धार ,
सुख दुख इनके किनारे हैं,
कभी पतझड़ तो कभी सावन,
इस संसार में ना हम किसी के,
ना कोई हमारे हैं।।
आना जाना लगा रहता है,
कोई किसी के संग नहीं जाता है,
ईश्वर की रचा ये संसार,,
और हर आदमी खिलौना है।।
प्रकृति का सुन्दर रचना,
पेड़ पौधे की सुन्दर संरचना,,
कहीं काँटों की सेज तो,,,
कहीं फूलों का बिछौना है।
इस संसार में ना रहा सदा कोई,
बस यादों से हीं याद रह जाती है,
संसार की हर रची रचना,,,,
बस यहीं रह जानी है।।।
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Kh
Swati chourasia
24-Oct-2021 07:57 PM
Very nice 👌
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Niraj Pandey
24-Oct-2021 12:44 AM
बहुत खूब
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Zakirhusain Abbas Chougule
24-Oct-2021 12:37 AM
Nice
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