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व्यावहारिक चुनौतियों का समाधान

व्यावहारिक चुनौतियों का समाधान


हमारी जीवन यात्रा का मार्ग अनेक चुनौतियों से भरा है । दिन प्रतिदिन भौगोलिक, आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, पारिवारिक और व्यक्तिगत चुनौतियों का स्वरूप और जटिलता बदलती रहती है जिनका सामना हर व्यक्ति अपनी क्षमता अनुसार करते हुए यात्रा में आगे बढ़ता है ।

पल पल होने वाले परिवर्तन और बढ़ते तनाव के इस दौर में हमारा सम्पर्क भिन्न भिन्न स्वभाव के लोगों से होता है । उन सभी के साथ सामंजस्य बिठाते हुए सम्बन्धों को सोहार्दपूर्ण बनाये रखना भी अपने आप में एक चुनौती है । आम तौर पर सहन करने की क्षमता के अभाव में आपसी व्यवहार से लोग एक दूसरे से मानसिक रूप से उखड़ जाते हैं जो मनमुटाव को बढ़ाता है ।

जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिये लोगों के साथ सम्पर्क और व्यवहार में आना अनिवार्य है । लेकिन सामने वाले का स्वभाव सहन करने की क्षमता का अभाव उसके प्रति हमारा आचरण भी उखड़ा हुआ और रूखा सूखा बना देता है । इस कारण लोगों के साथ सम्पर्क में आना हमारी आवश्यकता बदलकर विवशता का रूप ले लेती है । हम सामने वाले का व्यवहार मजबूर होकर सहन करते हैं और स्वयं को दुखी बना लेते हैं ।

इस चुनौती का सामना करने के लिये कुछ ऐसे उपाय किये जाने चाहिये जिससे हम लोगों की बातों को सहज रूप से सहन भी कर सकें और हमारा आपसी व्यवहार भी मधुर बना रहे । इस समस्या के समाधान हेतु निम्नांकित कुछ उपाय सुझाव के रूप में बताये जा रहे हैं:-

स्वयं को सबके प्रति आत्मिक स्नेह से भरपूर करें :- किसी व्यक्ति से अपनी आलोचना, अपमान या उपहास की बातें सुनते समय स्वयं को यह स्मृति दिलायें कि वह वास्तव में प्रेम, शान्ति और सद्भावना सम्पन्न व्यक्ति है लेकिन अभी क्रोध और अहंकार नामक समस्या से ग्रसित है जो एक न एक दिन इस समस्या से मुक्त हो ही जायेगा । मुझे उसके द्वारा किये गये अप्रिय व्यवहार पर कोई नकारात्मक या प्रतिघाती प्रतिक्रिया न देकर शांत रहना चाहिये ।

परिस्थिति का विश्लेषण न करें, उसे ईश्वर को सौंप दें :- किसी के द्वारा किये गये नकारात्मक व्यवहार का सामना करने पर स्वयं को यह समझायें कि मेरी सभी परिस्थितियों का समाधान ईश्वर के हाथ में है । इसलिये मुझे सामने वाले व्यक्ति के व्यवहार के विषय में अधिक सोचने की आवश्यकता नहीं है । केवल अपने मन में परमात्म प्यार और शक्ति को स्वयं में संचारित होता हुआ अनुभव करें । यही परमात्म स्नेह सामने वाले व्यक्ति के प्रति हमारे मन से घृणित भावनाओं को समाप्त करेगा ।

स्नेह, समर्थन, सम्मान और सहयोग दें :- किसी व्यक्ति को अपनी भावनाओं, विचारों, शब्दों, व्यवहार और कर्मों के माध्यम से स्नेह, समर्थन और सहयोग देने से हमें भी बदले में वही मिलेगा । यह एक सतत अभ्यास है जो कालान्तर में सामने वाले व्यक्ति को हमारे प्रति नकारात्मक से सकारात्मक बनाता है  ।

शुद्ध विचारों का प्रकम्पन प्रसारित करें :- प्रतिदिन कुछ समय के लिये ध्यान में बैठकर परमात्मा की स्मृति में रहते हुए स्नेह, शांति, सम्मान और सहयोगयुक्त सकारात्मक विचारों के प्रकम्पन स्वयं के भीतर से प्रवाहित करें और यह महसूस करें कि सामने वाले व्यक्ति में भी स्नेह, शांति, सहयोग और सम्मान के भाव जागृत हो रहे हैं । यह सतत अभ्यास एक समय बाद हमारे प्रति उस व्यक्ति के मन में बैठी नकारात्मक धारणाओं को समाप्त कर देगा ।

उक्त सभी अभ्यास प्रतिदिन करने से हम लोगों के अनुचित व्यवहार का सामना करने के साथ साथ जीवन यात्रा में आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों को खुशी से सहन करते हुए उन्हें बदलने में सफल भी होंगे।


ऊँ शांति
मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर, राजस्थान
मोबाइल नम्बर 9460641092

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7 Comments

Mohammed urooj khan

01-Apr-2024 01:48 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

30-Mar-2024 10:38 PM

👏🏻👌🏻

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kashish

29-Mar-2024 12:19 PM

Amazing

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