Vinita gupta

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होली गीत

विधा -गीत
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होली गीत
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ढोल बजावत आयो फगुनवा ,नाचत आयी होरी।
लाल गुलाबी नीली पीली, उड़त गुलाल औ रोरी।

फूलों से श्रृंगार रचाये ,
शोभित मदनमुरारी।
लाल चुनरिया ओढ़ें राधा,
छवि सुंदर अति प्यारी।

तिरछे नैना मोहन देखें,  कैसी लजात किशोरी ।
लाल गुलाबी नीली पीली,उड़ात गुलाल औ रोरी।

कान्हा ने मारी पिचकारी,
भीगी चूनर सारी,
मुख में टेशू रंग लगा के,
हँसे पीताम्बर धारी।

मधुर मधुर बांसुरिया बाजे, नाचें बृज की छोरी।
लाल गुलाबी नीली पीली,उड़त गुलाल ओ रोरी।

मंद मंद मुस्काये राधिका  , 
सुंदर नार नवेली,
 कान्हा के मुख रंग लगायो,
मिल सब सखा सहेली।

छीन हाथ से लई मटकिया,सबने मिल के फोरी।
लाल गुलाबी नीली पीली,उड़त गुलाल औ रोरी।

बृज की होली देखन तरसे,
ब्रह्मा और त्रिपुरारी,
पहुँच गए वृन्दावन देखो,
सीता गौरा प्यारी।

मिल सबने फगुनारे गाये,नाचत   सगरी  टोरी।
लाल गुलाबी नीली पीली, उड़त गुलाल औ रोरी ।

विनीता गुप्ता छतरपुर मध्य प्रदेश स्वरचित मौलिक

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2 Comments

Gunjan Kamal

08-Apr-2024 11:12 PM

👌🏻👏🏻

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Punam verma

25-Mar-2024 09:10 AM

Very nice👍

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