होली गीत
विधा -गीत
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होली गीत
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ढोल बजावत आयो फगुनवा ,नाचत आयी होरी।
लाल गुलाबी नीली पीली, उड़त गुलाल औ रोरी।
फूलों से श्रृंगार रचाये ,
शोभित मदनमुरारी।
लाल चुनरिया ओढ़ें राधा,
छवि सुंदर अति प्यारी।
तिरछे नैना मोहन देखें, कैसी लजात किशोरी ।
लाल गुलाबी नीली पीली,उड़ात गुलाल औ रोरी।
कान्हा ने मारी पिचकारी,
भीगी चूनर सारी,
मुख में टेशू रंग लगा के,
हँसे पीताम्बर धारी।
मधुर मधुर बांसुरिया बाजे, नाचें बृज की छोरी।
लाल गुलाबी नीली पीली,उड़त गुलाल ओ रोरी।
मंद मंद मुस्काये राधिका ,
सुंदर नार नवेली,
कान्हा के मुख रंग लगायो,
मिल सब सखा सहेली।
छीन हाथ से लई मटकिया,सबने मिल के फोरी।
लाल गुलाबी नीली पीली,उड़त गुलाल औ रोरी।
बृज की होली देखन तरसे,
ब्रह्मा और त्रिपुरारी,
पहुँच गए वृन्दावन देखो,
सीता गौरा प्यारी।
मिल सबने फगुनारे गाये,नाचत सगरी टोरी।
लाल गुलाबी नीली पीली, उड़त गुलाल औ रोरी ।
विनीता गुप्ता छतरपुर मध्य प्रदेश स्वरचित मौलिक
Gunjan Kamal
08-Apr-2024 11:12 PM
👌🏻👏🏻
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Punam verma
25-Mar-2024 09:10 AM
Very nice👍
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