अंजान शक्स
अगली सुबह
तारा सब को काम बताकर परेशान होते हुए बोली अमिता बेटा, "आप जाकर देखिए तुम्हारा प्यारा देवर तैयार हुआ या नहीं, पंडित जी आने वाले हैं और अक्षत को शर्मा निवास शिविका और उसके परिवार को लेने के लिए गए या नहीं"।
"माॅम सब अच्छे से हो जाएगा, आप आराम से नाश्ता कर लें" रेयांश सीढ़ियों से आते हुए बोला।
रेयांश ब्लैक शर्ट और ब्लू जींस पहने नीचे आता हैं तारा मुंह बनाकर बोली "बहुत अच्छे लग रहे हो लेकिन आज आप ये नहीं हमने जो कपड़े रखें हैं उन्हें पहनेंगे, और जब शादी कर रहे हो तो खुद और शिविका को भी खुश रखना"....।
रेयांश सीरियस भाव से बोला "माॅम प्लिस मैं ये शादी सिर्फ आपकी जिद्द की वजह से कर रहा हूं, वो लड़की आपकी बहुॅं बनकर आएगी लेकिन मेरी पत्नी कभी नहीं बन पाएगी। उसे कभी रेयांश मित्तल की पत्नी होने का दर्जा नहीं मिलेगा, प्लिस माॅम इसे ज्यादा मैं और कुछ नहीं कर पाऊंगा, अब चलिए ये सब खत्म करिए मुझे ऑफिस जाना है, एक बहुत जरूरी मिटींग हैं"।
शांतनु पीछे से आते हुए बोले "आपको कहीं जानेकी जरुरत नहीं हैं, मिटींग कल हो जाएगी आप अपनी शादी और उनकी रस्मों पर ध्यान दे"....।
तारा कुछ बोलना चाह रही थी लेकिन शांतनु उसे इशारे से मना कर रस्म करने के लिए कहते हैं।
पंडित जी आते हैं।
अमिता उनके लिए चाय नाश्ता लेकर आती हैं।
गेट से एक लड़का शिकायत करते हुए अंदर आता हैं "तुझे शादी की इतनी क्या जल्दी थी? कि कल लड़की देखी और आज शादी कर रहा है। तुझ जैसा दोस्त भगवान किसीको ना दे जो एक दिन में ही अपने बेस्टफ्रेंड को भुल गया"....।
रेयांश उसे बिना भाव ऊपर से नीचे तक देखता है फिर बेमन से बोला "तेरी नौटंकी हो गई हो तो चुपचाप बैठ जा और शादी की जल्दी मुझे नहीं हैं, इंफेक्ट मुझे शादी करनी ही नहीं हैं"....।
अक्षत देव, "तुम लंदन से कब आए और मॉम डेंड भी तुम्हारे साथ आए हैं"....।
देव खुराना अमिता का छोटा भाई, मस्तमौला, हंसी मजाक से सब के चेहरे पर स्माइल लाना, गोरा रंग, भुरी आंखे, सुनहरे बाल उसे देख कोई नहीं कह सकता हैं वो एक हिंदुस्तानी हैं लेकिन उसकी हिंदी भाषा, रहन सहन, सब के साथ घुल मिल कर रहना सब बहुत साधारण हैं। वो दिखने में हेंडसम और एक ही मुलाकात में किसी को भी अपना बना ले वो जादु हैं उसकी आंखों और बातों में"।
"वो आना चाहते थे लेकिन हाॅस्पिटल में एमरजेंसी आने की वजह से नहीं आए हैं लेकिन जल्दी ही आएंगे".... देव अक्षत के गले लगे बोला।
अमिता अपने भाई को देख खुशी से उसे गले लगा लेती हैं। देव नौटंकी करते हुए बोला "दी आराम से मुझे दर्द हो रहा है, आपके ये पहलवान जैसे हाथों से ऐसे पकड़ेंगी तो मेरे हाथ जख्मी हो जाएंगे"....।
अमिता उसे आंख दिखाकर बोली "हो गया हो तो चल नाश्ता कर लें, उसके बाद हमें माता पूजन करना है "....।
देव मुस्कुरा कर एक तिरछी नजर से रेयांश को देख बोला "वो सब बाद में हो जाएंगा पहले मुझे मेरी सुंदर सी भाभी को देखना और उनसे मिलना है। मैं चाहता हूॅं शादी से पहले ही वो मेरे दोस्त का असली चेहरा देख ले तो अच्छा है"... वो बोल ही रहा था कि रेयांश पीछे से उसकी पीठ पर एक जोरदार मुक्का मारता है, जिसे उसकी चिख निकल जाती हैं" "आहहहह, अपने दोस्त को ऐसे कोई मारता है क्या? देव अपनी पीठ सहलाते हुए बोला।
तारा "आप सब ये बातें बाद में कर लेना अभी जाकर जल्दी से तैयार हो जाइए और अक्षत आप हमारी शिवि को जल्दी से लेकर आइए".....।
अपनी मॉम के मुंह से शिवि सुन रेयांश का मुंह बन जाता हैं और वो वहाँ से जाते हुए बोला "मैं अपने रुम मे जा रहा हूँ, जब जरूरत हो तो बुला लेना"....।
कुछ वक्त बाद शर्मा परिवार को लेकर अक्षत आता हैं।
तारा उसे गेट पर ही रुकने का बोल अमिता से आरती की थाली लेकर आने को कहती हैं।
अमिता आरती लाकर उन्हें देती हैं।
तारा शिविका का तिलक करती हैं और फुल सर पर ड़ाल उसे अंदर आने के लिए कहती हैं।
शिविका हल्का सा मुस्कुराकर तारा और शांतनु के पैर छूती हैं। दोनों उसके सर पर हाथ रख देते हैं। अब शिविका अमिता के पैर छुने जाती हैं वो उसे रोक झूठी नाराजगी से बोली "मैं अभी इतनी भी बुढ़ी दिखती हूँ जो तुम मेरे पैर छू रही हो, तुम मेरी छोटी बहन की तरह हो इसलिए ये सब करने की जरूरत नहीं हैं।
अक्षत उसकी बात मे सहमति जताते हुए बोला "आप हम दोनों की छोटी बहन ही है कोई भी परेशानी हो या कुछ भी चाहिए हो तो आप बेझिझक हम दोनों को बता सकती हैं।
"मिसेस मित्तल आप कन्या और रेयांश बेटा को भुला ले माता पूजन का मुहूर्त हो गया हैं" पंडित जी मंदिर से बोले।
तारा "अमिता आप शिवि को रुम मे ले जाकर चेंज करवा दे"....।
रेयांश और देव नीचे आते हैं। देव धीरे से रेयांश के कान में मजाक उड़ाते हुए बोला "अंश भाभी नजर नहीं आ रही हैं, तेरे गुस्से के ड़र से भाग तो नहीं गई, देख ये तेरा बात बात पर रुद्र अवतार जन्म लेता रहता है ना उसे बंद करना देना, नहीं तो.... इतना बोल वो रुक जाता हैं।
रेयांश उसे अपनी आँखे छोटी कर घूरकर पुछता हैं "नहीं तो क्या?
देव शरारत से सीड़ियों की तरफ इशारा करते हुए बोला "भाभी बहुत खुबसुरत हैं, तुझे कैसे पंसद कर लिया यार, उन्हें तो कोई भी मिल सकता था, भाभी को चश्मे की जरूरत है"....।
रेयांश गुस्से मे चिड़ कर "क्या मतलब हैं? तुम्हारा और तु मेरा दोस्त हैं, उसकी साइड़ लेने की जरूरत नहीं हैं समझा"....।
शिविका पीले रंग के अनारकली सुट लाइट मेकअप, कानों में झुमके, खुले लम्बे घने बाल, आँखों में गहरा काजल, होठों पर हल्के गुलाबी रंग की लिपस्टिक, हाथों में चुडिया और माथे पर छोटी सी लाल बिंदी उसकी खुबसूरती को दस गुना बड़ा रही थी, शिविका की खुबसूरती देख रेयांश उस मे खो जाता हैं, उसकी नजर को जैसे कुछ और देखना ही नहीं चाह रही हो, एक टक बिना पलकें झपकाएं उसकी खूबसूरती के सागर मे डूबता जा रहा था।
अपने कान में तेज आवाज आते ही वो अपने कान पर हाथ रख खिजाते हुए गुस्से में "इतना चिल्ला क्यों रहा है? मैं बहरा नहीं हूँ"....।
रेयांश ये बोलते हुए सब की तरफ देखता है तो सब उसे ही देख मुस्कुरा रहे होते हैं। वो सब बात संभालते हुए "आप सब ऐसे क्या खड़े हैं पंडित जी बुला रहे हैं चलिए"....।
उसकी बात सुन सब सर हिलाकर हंसने लगते हैं।
पंडित जी दोनों के हाथ पूजा करवाते हैं उसके बाद दोनों के हाथों से गणेश जी की स्थापना करवातें हैं।
एक 28 साल के आस पास का लड़का गुस्से में फोन पर चिल्लाकर बोला "तुम लोग पिछले सात दिनों से उन्हें वहां खोज रहे हैं। फिर वो अब तक मिली क्यों नहीं? तुम जानते हो उनका मिलना इतना जरुरी है, अगर वो जिंदा है तो हमें उन लोगों से पहले उन्हें ढुंढ कर अपने पास लाना होगा, इसलिए हम कुछ नहीं जानते हैं आप लोग क्या करेंगे? लेकिन हमें जल्द से जल्द उनके बारे में जानकारी चाहिए"।
दुसरी तरफ से कुछ कहां गया जिसे सुनने के बाद वो फोन कट कर अपने फोन पर फोटो देखते हुए बोला "आप जब मिलेगी तो पता नहीं सच को स्वीकार कर हमें अपनाएंगी या नहीं, चाहे कुछ भी हो हम इस बार आपको खुद से दुर नहीं जाने देंगे, आप एक बार मिल जाओ फिर हम आपकी सभी शिकायतें, नाराजगी, गुस्सा सब वक्त और प्यार से खत्म कर देंगे, सिर्फ एक बार हमारे पास आ जाइये" कौन था वो अंजान शक्स?
क्या शिविका और रेयांश इन रस्मों के साथ करीब आएंगे?
क्यों तारा अपने बेटे की जबरदस्ती शादी करवा रही हैं?
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Punam verma
26-Mar-2024 08:48 AM
Very nice👍
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Abhinav ji
26-Mar-2024 08:24 AM
Nice👍
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