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कुछ तो कर जाए जिंदगी में

कुछ तो कर जाए जिंदगी में

लख चौरासी योनि भटककर
सुर दुर्लभ मानव तन पाया है
आज क्या हो गया है लोगों को
संयुक्त परिवार किसी को नही भा रहा है।
ज्ञानी होकर भी मानव
औरों को कष्ट देने में लगा हुआ है
पर इस जीवन का सार यही है कि
कुछ तो कर जाए जिंदगी में ।
आज का दृश्य देख,मैं बहुत अचंभित हूं
दिल में रहता कुछ और है
जुबां से कहते कुछ और है
नफरत को दिल में पालकर रखने से क्या फायदा।
मित्रता का दिवस तो सब मिलकर मनाते है
पर मित्रता आज निभाते कहा है
बड़ी मुश्किल से मिली है जिंदगी
कुछ तो कर जाए जिंदगी में।
बातें तो बड़ी बड़ी करते है लोग
पर मतलब की चाबी रखते है
यह दृश्य देख ऐसा लगता है कि
जीवन को फिर से लिखने की जरूरत है।
चुनौती है यह वक्त की
हिम्मत करने से ही निकलेगा हल
मानव जीवन है बहुत अनमोल
कुछ तो कर जाए जिंदगी में।

नूतन लाल साहू

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4 Comments

Gunjan Kamal

30-Mar-2024 10:15 PM

बहुत खूब

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Varsha_Upadhyay

29-Mar-2024 11:30 PM

Nice

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Babita patel

29-Mar-2024 03:32 PM

Amazing

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