Yusuf

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बेवकूफ


बेवकूफ, वह था एक अनोखा नाम,
खुद को समझा था वो है बड़ा काम।
धरती पर चलता, अपनी दुनिया में,
खुद को बनाया था वो हैरानी में।

दूसरों की बातों में वो खो गया,
सोचा वो है सबसे अलग दिखाया।
पर नहीं समझा, खुद को बेवकूफ,
दूसरों की आवाज़ में रह गया छूप।

जब भी दिल ने संकेत दिया था,
वो नहीं सुना, खुद को बहकाया था।
बेवकूफी की उसे आदत बन गई,
खुद को खो बैठा, खुद को तन गई।

जीवन के सबको सिखाता है ये,
बेवकूफी की गलती से सीखता है वो।
कभी कभी बन जाता है हमेशा के लिए,
बेवकूफ, जिसे दुनिया में चरित्र बनाता है

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4 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 12:30 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

08-Apr-2024 08:20 PM

👏🏻👌🏻

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HARSHADA GOSAVI

02-Apr-2024 08:15 PM

V nice

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