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लेखनी कहानी -01-Apr-2024

मैं हूँ हरी मिर्च

मै हूँ हरी मिर्च तिखी और मजेदार जिस खाने मे पड जा ऊँ बढा दूँ खानेवाले का खाने से प्यार

मेरे बिना नही बनती कभी चटनी और खट्टा मीठा अचार

मुझसे हा है खाने का मजा और मे ही हूँ खाने का श्रृंगार जिसने ना खाया मुझको उसका जीवन बेकार जिसने मुझको ज्यादा खाया हो गया पेट उसका धुँआदार

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3 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 12:22 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Gunjan Kamal

08-Apr-2024 08:35 PM

शानदार

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HARSHADA GOSAVI

02-Apr-2024 10:07 AM

V nice

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