घर गृहस्थी भाग _5

कहानी_ घर गृहस्थी

भाग _ 5

लेखक _ श्याम कुंवर भारती

प्रदीप बहुत ही दुखी रहने लगा था।उसे ज्योत्सना से ऐसे व्यवहार की उम्मीद बिलकुल नहीं थी।फिर भी जो होना था वो हो चुका था।ज्योत्सना अपनी दुनिया में आगे बढ़ चुकी थी।

प्रदीप की मां धीरे धीरे चलने फिरने लगी थी ।उसके सिर का चोट अब भरने लगा था।अब उसकी कमजोरी कम होने लगी थी।प्रदीप ने एक कोचिंग सेंटर में टीचर के रूप में बच्चो को पढ़ाने लगा था।
अब वो सुबह जल्दी उठ जाता था।घर के सारे काम वो खुद ही निपटा देता था।मां को आराम करने देता था।घर में झाडू पोंछा, बर्तन और चाय नाश्ता बनाना आदि वो खुद ही कर लिया करता था।भाई बहन को पढ़ाई करने देता था।

कुछ दिनों में उसके पिता भी सेवानिवृत हो गए।उनको अपने बेटे के व्यवहार में आए बदलाव को देखकर खुशी भी हो रही थी और चिंता भी ।जल्दी से कही उसके नौकरी लग जाती तो उसका विवाह करा देते।घर भी संभल जाता और उसकी मां की भी देखभाल हो जाती।बेटे का घर बस जाता।वो भी प्रदीप का घर के कामों में हाथ बंटा दिया करते थे।

प्रदीप अपने भाई बहन को खुद ही पढ़ा दिया करता था जिससे उनकी तैयारी भी अच्छी होने लगी थी।अब वो पहले वाला प्रदीप नही रह गया था।अब वो एक जिम्मेवार बेटा और भाई बन चुका था। लेकिन उसके पिता के चेहरे पर खुशी नही थी।वो उसके भविष्य को लेकर काफी चिंतित थे।आखिर ऐसे कब तक चलेगा।

एक दिन उन्होंने प्रदीप से कहा _ बेटा एक जगह किसी कारण वश नौकरी नही लगी तो इसका मतलब ये नही है और कही नही मिलेगी।तुम और बाकि सभी सरकारी और प्राइवेट कंपनीयो में क्यों नही जॉब के लिए आवेदन देते हो।
कोचिंग सेंटर में पढ़ाकर तुम्हारा भविष्य नही बनने वाला है।
बिना पैसा और पैरवी की कोई नौकरी नही मिलने वाली है पापा तो क्यों बेमतलब का समय और पैसा बर्बाद करूं।प्रदीप ने जवाब दिया।
तुम्हारी बात सही है लेकिन सब जगह एक जैसा नही है। अगर ऐसा होता तो बाकी शिक्षित बेरोजगार लड़के बेकार बैठे रहते। कोशिश करते रहो कही न कही तुम्हारी प्रतिभा और योग्यता को जरूर अवसर मिलेगा।उसके पिता ने समझाते हुए कहा ।
ठीक है पापा मैं आपकी बात का ख्याल रखूंगा और मै फिर से कोशिश करूंगा।प्रदीप ने कहा ।
मोनिका गुप्ता की तबियत अब ठीक हो चुकी थी।वो उसी कंपनी की मालकिन थी जिसमे प्रदीप इंटरव्यू देने गया था।लेकिन अचानक उसकी मां को सिर में चोट लगने की वजह से वो बीच में इंटरव्यू छोड़कर चला आया था।
मोनिका ने अपने मैनेजर को अपने घर पर ही बुलाया था ,नए प्रोफेशनल्स के सेलेक्सन की लिस्ट देखने के लिए।
लिस्ट चेक करते हुए मोनिका ने देखा प्रदीप का नाम चयन में वेटिंग लिस्ट में था।उसनेअपने मैनेजर से पूछा इस लड़के का नाम वेटिंग लिस्ट में क्यों है ।इसे या तो रिजेक्ट या सेलेक्ट करना था।जैसे बाकी कैंडिडेट्स के साथ हुआ है।
मैडम दरअसल ये कैंडिडेट लगभग अपना इंटरव्यू दे चुका था लेकिन अचानक उसकी मां का उसके घर में गिरने से चोट लग गई थी।वो काफी गंभीर हो गई थी ।ये लड़का यह कहकर चला गया की नौकरी तो बाद में कही भी मिल सकती है लेकिन मां को कुछ हो गया तो वो कभी नहीं मिलेगी ।हालांकि ये लड़का हमारी कंपनी के लिए बिल्कुल ठीक कंडीडेट है।लेकिन इंटरव्यू अधूरा छोड़कर चला गया था और आप भी बीमार थी।इसलिए इसके बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया था।
मैनेजर ने अपनी बॉस मोनिका को सब बताया।
देखिए वर्मा जी हमे अपनी कंपनी को प्रॉफिट में ले जाना है ।अपने बिजीनेस को आगे बढ़ाना है इसलिए ऐसे जिम्मेवार और अपने परिवार के साथ माता पिता के प्रति गंभीर युवाओं की जरूरत है।जो लोग अपने अलावा किसी के प्रति जिम्मेवार नहीं होते वे किसी काम के नहीं होते।उस समय प्रदीप को अपनी मां की जान बचानी जरूरी थी इसलिए उसने वही किया जो एक जिम्मेवार बेटे को करना चाहिए।
आप इसे सिलेक्शन की सूची में डालिए मैं अभी साइन कर देती हूं और आप इसको अभी फोन कर मुझसे बात करवाइए।मोनिका ने अपने मैनेजर से कहा।
मैनेजर ने तुरंत प्रदीप को फोन लगाया और बताया कि कहा से बोल रहा है।उसने जो इंटरव्यू दिया था उसमे उसका सेलेक्सन हो चुका है।आपसे हमारी बॉस मोनिका मैडम बात करना चाहती है।
उसने मोबाइल मोनिका को दे दिया।
प्रदीप उस समय अपने कोचिंग सेंटर में क्लास करा रहा था।फोन पर मैनेजर की बात सुनकर वो खुशी से उछल पड़ा था।
उसने मोनिका को प्रणाम किया ।
आपकी मां की तबियत अभी कैसी है।मोनिका ने पूछा ।
अब बिल्कुल ठीक है मैडम।उसने जवाब दिया ।
दरअसल मेरी भी तबियत कई दिनों से खराब चल रही थी ।अब ठीक हुई हूं तो सेलेक्सन की लिस्ट देख रही थी ।आपके बारे में जानकर बहुत प्रभावित हुई इसलिए आपका चयन किया गया है।कल आप हमारे ऑफिस आकर अपना अपॉइंटमेंट लेटर ले ले और बाकी डॉक्यूमेंट जमाकर कुछ जरूरी कागजातो पर अपना साइन कर कल से अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर सकते है।मोनिका ने कहा।
जी जरूर मैडम आपका बहुत बहुत आभार ।
प्रदीप ने तुरंत फोन कर अपने माता पिता को अपनी नौकरी लगने की खुशखबरी सुना दिया।उसकी बात सुनकर उसके माता पिता बहुत खुश हुए।उसके पिता को अब अपने बेटे की घर गृहस्थी की चिंता खत्म हो गई थी।अब वे जल्दी ही उसका विवाह कर देना चाहते थे।

समाप्त 

लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो झारखंड
मॉब.9955509286

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6 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 12:01 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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kashish

11-Apr-2024 09:00 AM

Beautiful

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Varsha_Upadhyay

10-Apr-2024 11:34 PM

Nice

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