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दाग़..........................................

आज दिनांक ९.४.२४ को प्रदत्त विषय ' दाग ' पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति

दाग़..........................................
लोग बहुत दावा करते,एक धुलाई मे दाग साफ़ कर देने का।
चरित्र पर दाग लग जाय अगर, वो दागी बना देता है।

अच्छे काम किये हों दस पर एक काम बहुत है दागी को।
नाम ही पड़ जाता  उसका और वह दागी कहलाता है।।

रिश्वत लेना,करना दुष्कर्म या परेशान किसी को करना भी।
ये सब दाग की सीमा में आते, चारित्रिक महिमा है।।

दागी कहलाना आसान बहुत ,ये दास्तान ज़िन्दगी भर की है।
धन या क्षणिक सुख की खातिर, बदनामी ज़िन्दगी भर की है।


आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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5 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 11:14 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Reyaan

11-Apr-2024 06:14 PM

Nice

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Shnaya

11-Apr-2024 04:39 PM

V nice

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