लेखनी कहानी -09-Apr-2024
शीर्षक - हिंदू नववर्ष ******
सच तो आज हम सभी अपने देश के अनुसार और समुदाय के अनुसार हम बस में एक बार नए साल का आगमन करते और आज हम हिंदू नववर्ष 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं! इस नए वर्ष में, आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और खुशियाँ बनी रहें। नवसंवत्सर के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, हम जानते हैं कि नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास की प्रतिपदा से होती है, जो कि हिंदू पंचांग में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे विक्रम संवत 2081 के नाम से भी जाना जाता है।
हिंदी कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास की प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। इस बार हिंदू नववर्ष 09 अप्रैल 2024 से शुरू हो रहा है, जो विक्रम संवत 2081 के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, हिंदू नववर्ष बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह वर्ष विशेष है, क्योंकि भगवान श्रीरामलला पांच शताब्दी के बाद अपने नव्य-भव्य धाम में हैं। चलिए, इस आर्टिकल में हम जानेंगे हिंदू नववर्ष चैत्र मास हमें शुभ मुहूर्तों और पर्वों का महीना देता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्र भी आरंभ होते हैं, जो कि नवरात्र के नौ दिनों का पर्व होता है और माँ दुर्गा की पूजा विधिवत रूप से की जाती है। इसे हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। नवसंवत्सर और श्रीरामनवमी के इस अवसर पर हम सभी विशेषतः अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के जन्मस्थल के नजदीक अनेक धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। यहां पर हम समाज के साथ ही विभिन्न धार्मिक संस्थानों के साथ भी मिलकर नववर्ष का स्वागत करते हैं।
नवसंवत्सर पर विशेष पूजन-अर्चना की है तैयारी नवसंवत्सर के प्रारंभ पर, लोग विशेष पूजन-अर्चना की तैयारी में जुटे हैं। इस अद्भुत अवसर पर श्रीराम जन्मोत्सव, अर्थात् श्रीरामनवमी पर 50 लाख श्रद्धालु आशीर्वाद में शामिल होने का अनुमान है। यह संख्या पांच लाख से अधिक है, और चौड़े पथों पर भक्तों की संख्या बढ़ रही है।
इस महान पर्व के अवसर पर विशिष्ट पूजन-अर्चना की तैयारी की जा रही है। श्रीरामनवमी को और अधिक अद्भुत बनाने के लिए, सूर्यदेव का अभिषेक किया जाएगा, जिसके दौरान उपस्थित भक्तों को अभिषेक के साक्षात्कार का अवसर मिलेगा। श्रीराम के जन्म की पावन तिथि को प्रति वर्ष श्रीराम के सूर्य तिलक के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस साल, नवसंवत्सर के प्रथम दिवस पर, अयोध्या के रामकोट मंदिर के परिसर में परिक्रमा का आयोजन किया जाएगा।
इस अद्वितीय आयोजन में राम भक्त और गृहस्थ भव्यता से भाग लेंगे। यह विशेष आयोजन श्री विक्रमादित्य महोत्सव न्यास द्वारा संचालित किया जाएगा। यह समारोह धर्म के प्रति भक्ति और श्रद्धा का एक महान प्रतीक है, जो लोगों को एक साथ आने, एक-दूसरे के साथ साझा करने और परमात्मा की आराधना में एकसाथ जुटने का अवसर प्रदान करता है। यह नवसंवत्सर के प्रारंभ पर, लोग आनंद और समृद्धि की कामना करते हैं, साथ ही समाज के हित में अपने संकल्प को पुनरावलोकित करते हैं।
हमरी संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे पूर्वजों ने काल को मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण और समझने योग्य रूप में समझने का प्रण किया। भारतीय समय की गणना में समय का विशेष महत्व है, जो अक्सर अन्य संस्कृतियों के तरीकों से भिन्न होता है।
भारतीय पंचांग के अनुसार, नवसंवत्सर एक महत्वपूर्ण पर्व है जो नए संवत्सर की शुरुआत का संकेत देता है। यह पर्व हर साल चैत्र मास की प्रतिपदा को मनाया जाता है। नवसंवत्सर का आगमन हमें समय की महत्वता को समझाता है और हमें नवीनता की भावना देता है।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र