Sadhana Shahi

Add To collaction

मांँ चंद्रघंटा (भजन)11-Apr-2024

चंद्रघंटा माता (चैत्र, शुक्ल, तृतीया)

नवरात्रि में जागरण कराते चलो, दिव्य ज्योति से माॅं के जगमगाते चलो।

तीजे दिन चंद्रघंटा माॅं , आ जाती हैं। माॅं हमें अपने दर , पर बुला लेती हैं।

शांति दायक स्वरूप, माॅं का मन भाता है। कल्याणकारी हैं माॅं, यह जगत जानता है।

इनके मस्तक में , अर्धचंद्राकार घंटा है। जिस कारण से, इनका नाम चंद्रघंटा है।

इनके तन की आभा, स्वर्ण- सा चमकता है । सिंह वाहन है इनका, दुष्टों का मर्दन करता है।

दस कर मैया धारण करती हैं, अस्त्र-शस्त्र दसों में वो भरती हैं। घंटे की ध्वनि अति दारूण है, भयभीत दैत्यों को वो करती है।

माॅं पार्वती का ये अवतार हैं, शांति -क्षमा माॅं के द्वार हैं। वस्तु अलौकिक नर है पाता, धन -धान्य से भरती माॅं घर- द्वार हैं

संकट हारी मंगल कारी , हे मांँ चंद्रघंटा माता! जो जन आपकी शरण में आए , वो है खाली ना जाता।

   9
5 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 11:40 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

Reply

kashish

12-Apr-2024 03:05 PM

Superb

Reply

Shnaya

11-Apr-2024 04:24 PM

V nice

Reply