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लेखनी कहानी -11-Apr-2024

शीर्षक - चाँद रात


           आज कॉलेज का पहला दिन था रमन इंटर पास करके डिग्री कॉलेज में दाखिला लेकर बीए प्रथम वर्ष में पहुंचता है। रमन पढ़ने में बहुत अच्छा और होनहार लड़का था बस गांव के परिवेश में पड़ा बाद दबंग और अच्छी कद काठी का सुंदर नौजवान था वह गांव से अपने कॉलेज अपनी साइकिल से आता था बस उसके घर के हालात कुछ आर्थिक कमजोर थे। और वह पढ़ाई के साथ-साथ शहर में कुछ नौकरी भी करने की इच्छा रखता था उसी के गांव की लड़की बीना भी इस कॉलेज में बीए दूसरे वर्ष में पढ़ रही थी। बीना भी रमन को अच्छी तरह पहचानती थी। बीना सोचती मन में  चाँद रात हो या चाँदनी बिछी धरा हो। परंतु उम्र में थोड़ी बड़ी होने के कारण रमन को कभी भी अपनी चाहत और मोहब्बत का इजहार नहीं कर सकी परंतु रमन से  बीना मन मही मन में बहुत प्रेम करती थी परंतु रमन को इस बात का एहसास न था।
         बीना जिस कक्षा में पढ़ती थी। उसी कक्षा में एक लड़की रानी भी पढ़ती थी और रानी एक अमीर घर आने की इकलौती लड़की थी और उसके रहन-सहन और मौज मस्ती के अंदाज अलग-अलग थे परंतु फिर भी मैं बीना की दोस्त थी। एक दिन बिना ने कॉलेज की कैंटीन में रमन और रानी का दोस्ताना करा दिया। रमन तो पढ़ने में वैसे भी होनहार था। बीना रमन और रानी की दोस्ती को देखकर मन ही मन  सोचती काश ! तुम हमारे होते परंतु उम्र के साथ बड़े होने के साथ एक गांव के भी थे। इसलिए बीना हिचक के मारे कुछ नहीं कह पायी। रमन और रानी अब अक्सर साथ-साथ  आते-जाते थे। 
  रमन ने रानी के घर में उसके फैक्ट्री में काम भी करना शुरू कर दिया था रमन रानी के माता-पिता को पसंद आ गया था। और भाई रमन को एक अच्छा नौजवान समझकर अपनी बेटी के लिए घर जमाई बनाने की सपने देख रहे थे और रमन भी अपने घर की आर्थिक स्थिति के कारण वह भी जीवन के साथ समझौता कर रहा था जबकि रानी भी रमन से उम्र में बड़ी थी और रमन अपने घर परिवार की स्थिति के साथ-साथ धन संपत्ति भी कमाने लगा परंतु बीना अब भी मन ही मन  रमन से प्यार करती थी। और इधर रमन और रानी शादी के सात फेरों में बंध जाते हैं। एक दिन बीना भी अपने मन की बात रमन से कह देती है। काश! हम तुम्हारे होते रमन  बीना से कहता है हम अभी अच्छे दोस्त एक दूसरे के सुख दुख में साथ दे सकते हैं परंतु बीना मन ही मन सोचती है काश हमारे जीवन में भी चाँद रात होती तुम चाँद हमारे होते।।
      जीवन भी एक सच और भाग्य की विडंबना है कि हम जो सोचते हैं वह होता नहीं और जो नहीं सोचते है वह जाता है काश तुम हमारे होते यही एक कहानी की प्रेरणा है कि हमारे जीवन में हम जो सोचते हैं वह नहीं होता जो भाग्य और मुकद्दर में लिखा होता है वही जीवन में हम सबको मिलता है इसलिए हम सभी को काश तुम हमारे होते ऐसा ही  चित्त के साथ चाँद रात में दीदार तुम्हारा है बस सपना टूटने पर भी हमें अपने जीवन को निराश नहीं करना चाहिए और जीवन में अपने रहा को और मजबूत और बदल देना चाहिए केवल मन भावन के साथ हमें जीवन जीना चाहिए सच तो यही है जीवन में काश चाँद रात होती।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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2 Comments

Mohammed urooj khan

15-Apr-2024 11:52 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Varsha_Upadhyay

12-Apr-2024 06:54 AM

Nice

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