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पति

पति!!

कहाँ करता है!
अपने निजी काम!
तकता रहता है, 
निश्चिंत सी उम्मीद लिए..
पत्नी नींद से जगाएगी,
चाय का कप हाथ में लिए,
मीठी मुस्कराहट के साथ!
सिप-सिप कर चाय की चुस्की,
दैनिक अखबार अवलोकन,
दुनिया मुट्ठी में करने का इरादा,
मोबाइल पर नाचती उंगलियां!
मोबाइल के साथ बाथरूम गमन,
किन्तु तौलिया??
अरे! सुनती हो, तौलिया दे जाओ,
ज़रा तौलिया पकड़ाना!!
रसोई से भागकर तौलिया!
नहाकर! 
गीली तौलिया बिस्तर पर??
पत्नी द्वारा इस्तरी किए कपड़े पहनते हुए..
मौजे कहाँ है??
रुमाल कहाँ रख दिया??
ये टाई?? अरे दूसरी निकाल दो!
एक जूता तो दिख ही नहीं रहा!!
मेरा बैग भी नज़र नहीं आ रहा??
अरे! दे दो, भई! कहाँ है??
सब चीजें हाथ में टिफिन के साथ,
मुस्करा कर दफ़्तर रवाना!!
घर कार्य में मदद पति??,
रोज़मर्रा की जरूरत, व्यक्तिगत कार्य,
पति पत्नी के जिम्मे छोड़,
निश्चिंत हो जाता है!!
दर्द तकलीफ से बहुत दूर,
कोसों दूर..…

साथ रहकर अधूरे हम, तो पूरे नहीं तुम भी,
समझ पाए न ख़ामोशी,तो समझे नहीं तुम भी,
प्रेम विश्वास अरु इज्ज़त, थाली में नही सजती,
न उतरे पैठ तक इसकी,तो पहुँचे नहीं तुम भी!

स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान) 

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4 Comments

Mohammed urooj khan

17-Apr-2024 11:42 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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kashish

12-Apr-2024 02:48 PM

V nice

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Varsha_Upadhyay

12-Apr-2024 09:21 AM

Nice

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