लड़ाके
"लड़ाके"
पब्लिकेशन-राज कॉमिक्स
मूल्य-? संख्या-74
पेज-64 वर्ष-1996
लेखक-हनीफ अजहर,चित्रांकन-धीरज वर्मा,स्याहिकार-राजेंद्र धौनी,कैलीग्राफी एवं कलर-टी.आर.आजाद
नमस्कार मित्रों,
आज बात कर रहा हु राज कॉमिक्स की एक बेहद जबरदस्त टू इन वन कॉमिक्स "लड़ाके" की जिसके लिए मित्र Jitendra Ahirwar ने कहा था.साल 1996 में प्रकाशित हुई ये कॉमिक्स 64 पेज की विशेषांक है जिसमे पहली बार "भेड़िया" के साथ "योद्धा" को लाया गया है.उस समय एक के बाद एक प्रकाशित हुई बेहतरीन टू इन वन विशेषांक में से एक इस कॉमिक्स से जुड़ी भी एक कहानी है.ये कॉमिक्स मैंने तब देखी थी ज़ब भैया के साथ कॉमिक्स किराये पर लेने जाता था.देख तो ली थी लेकिन पढ़ नहीं पाया था क्यूंकि कवर ऐसा डार्क बना था कि पढ़ने का मन नहीं हुआ था.वैसे भी शुरू में "भेड़िया" की कॉमिक्स मुझे पसंद नहीं आती थी.ये अलग बात कि आगे चलकर "भोकाल" के बाद जंगल का ये जल्लाद मुझे बहुत पसंद आने लगा और एक-2 करके इस हीरो की सारी कॉमिक्स किराये पर लेकर पढता गया.
कहानी शुरू होती है आसाम के जंगलों में भेड़िया को पकड़ने आये "गोल्डन ट्रांसपोर्ट" कंपनी के मालिक "रतन पारेख" से जो "एनिमल किंग" नाम से मशहूर "टेंजा" के जाल में फंसकर "भेड़िया" को जंगल का दुश्मन समझ लेता है.अपने दोस्त "योद्धा" की मदद से "रतन" और उसकी टीम "भेड़िया" को पकड़कर राजनगर ले जाती है जहाँ बने "टेंजा" के कृत्रिम जंगल में उसे दर्शकों के देखने और मनोरंजन की चीज बना दिया जाता है."भेड़िया" के अपहरण की खबर पाकर "जेन" अपने साथी "हनु" के साथ "भेड़िया" को बचाने शहर निकल पड़ती है.अब "जेन" और "भेड़िया" की मदद कर सकता है तो सिर्फ "योद्धा" जो ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी करता इन बातों से अंजान है जबकि दूसरी तरफ "टेंजा" के जाल में फंसे "भेड़िया" की जान खतरे में पड़ने वाली है क्यूंकि दर्शकों के मनोरंजन के लिए उसके साथ मौत का खेल शुरू करने जा रही है "तंजनिया" के जंगलों से आई भयानक मौत.फिर क्या हुआ?कैसी थी ये भयानक मौत जिसकी वजह से "भेड़िया" मुसीबत में था?क्या "जेन" शहर में फंसे "भेड़िया" को बचा पायी?क्या "योद्धा" और "भेड़िया" के बीचे फिर कोई जंग होने वाली थी?क्या "टेंजा" अपने बनाये शहरी जंगल में "भेड़िया" को कैद रख पाया?या दोनों लड़ाकों ने मिलकर ख़त्म किया इस "एनिमल किंग" का साम्राज्य?ये सब जानने के लिए आपको ये बढ़िया कॉमिक्स पढ़नी होगी.
कहानी के लेखक है "हनीफ अजहर" सर जो राज कॉमिक्स के दूसरे हीरोस "परमाणु" और "तिरंगा" की कॉमिक्स के लिए लिखते रहे हैँ.सर की लिखी कहानियाँ अच्छी होती है और लोगों को पसंद आती हैँ.शुरू में "भेड़िया" और "योद्धा" की जबरदस्त टक्कर के साथ शुरू हुई ये कॉमिक्स रोमांच जगाती है और शहर में बंदी बने "भेड़िया" की भयानक मौत से हुई लड़ाई के बाद और भी शानदार हो जाती है. हालांकि कुछ कमिया है जैसे बेवजह "योद्धा" और "भेड़िया" की शुरूआती लड़ाई, "फ्रांस" की जासूस रह चुकी "जेन" का पकड़ा जाना,कैद में बंद "भेड़िया" का गदा का प्रयोग ना करना और सब कुछ जल्दी ख़त्म हो जाना थोड़ा अजीब लगता है लेकिन अपने हीरोस की धमाकेदार लड़ाई के लिए इसे नज़रअंदाज़ किया जा सकता है.चित्रांकन है "धीरज" सर का जिनका बनाया शानदार "भेड़िया" हर पाठक के दिल में आज भी राज करता है.इंकिंग है "धौनी" सर की और रंग सज्जा में साथ दिया है "आजाद" सर ने.सही मायनो में "भेड़िया" की कॉमिक्स की सफलता के पीछे "धीरज" सर की आर्ट और "आजाद" सर की कलरिंग का बहुत बड़ा हाथ है.ज्यादातर बेस्ट कॉमिक्स में इन्ही दोनों की जोड़ी आपको दिखाई देगी.कॉमिक्स को बेस्ट बनाने में बाकि कसर "धौनी" सर पूरी कर देते थे जिनकी इंकिंग में चित्र और भी चमक जाते थे.कुल मिलाकर कॉमिक्स बढ़िया है और आपको जरूर पढ़नी चाहिए.
लड़ाके
बेस्ट सीन-कॉमिक का एक सीन है जिसमे "भेड़िया" तंजनिया के जंगलों से आई मौत से टक्कर लेता है.वो विशालकाय मौत से हुई लड़ाई रूह फना कर देती है.ऐसे जबरदस्त सीन अगर किसी फ़िल्म में हो तो हफ्ते भर में ही "एवेंजर" जैसी फ़िल्म का रिकॉर्ड तोड़ दे.शर्त लगा कर कह सकता हु.
क्यों पढ़ें-अगर राज कॉमिक्स के सबसे ताकतवर सुपरहीरोस की लड़ाई देखने का मन कर रहा हो.
क्यों ना पढ़ें-अगर "योद्धा" और उसकी शक्तियों के बारे में इसके पहले ठीक से ना जानते हो.
रेटिंग-7/10
धन्यवाद
महाकाल की कृपा बनी रहे.
कानपुर वाला अभिषेक🙏😊
Author sid
29-Mar-2021 10:12 AM
गुड ,
Reply
Abhishek Mishra
11-Apr-2021 07:08 PM
जी धन्यवाद😊
Reply
RICHA SHARMA
27-Mar-2021 03:07 PM
👍👍👍
Reply
Abhishek Mishra
06-Apr-2021 04:35 PM
जी धन्यवाद.....😊
Reply
Apeksha Mittal
26-Mar-2021 11:56 PM
Kya ye Hindi comics hai sir
Reply
Abhishek Mishra
06-Apr-2021 04:35 PM
जी ये राज कॉमिक्स है.आपको पढ़नी है तो इसकी जानकारी दे सकता हु....😊
Reply