Sadhana Shahi

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सत्तू संक्रांति- मेष संक्रांति, पार्ट -2( प्रतियोगिता हेतु)14-Apr-2024

_सत्तु संक्रांति/मेष संक्रांति(पार्ट -2) प्रतियोगिता हेतु

अश्विनी नक्षत्र,मेष राशि की, यह है सूर्य संक्रांति। शुक्रवार को यदि पड़े जाए, महती और हो जाती।

कृष्ण पक्ष में तिथि टूटना, अति शुभ माना जाता है। सूर्य उत्तरायण की आधी परिक्रमा, जब पूरी कर आता है।

जल भर घट का दान करो तुम , पितृ को करलो तर्पण। मधुसूदन को हिय से पूजो, कर दो सर्वस्व समर्पण।

विष्णु पुराण है वर्णन करता, मेष संक्रांति प्रात नहाओ। पापों का क्षण नाश तुम कर लो, जन्म-मरण से मुक्ति पाओ।

यह है एक खगोलीय घटना, जिसे मेष संक्रांति भी कहते। मीन राशि को तजकर सूरज, मेष राशि को तत्क्षण धरते।

सूर्य देव जब मेष राशि में, हैं प्रवेश कर जाते। तब नव वर्ष की प्रथम संक्रांति , उल्लसित हो लोग मनाते।

देवोत्थान एकादशी बाद, ज्यूॅं गन्ना पूज के खाते । त्यूॅं मेष संक्रांति टिकोरा, पीछे हम हैं अघाते।

पंजाब इसे बैसाखी कहता, असम कहे बोहाग व बीहू। बिहार ,झारखंड कहे सतुआनी, तमिलनाडु इसे कहे पुथांदु।

पइला वैशाख पश्चिम बंगाल, उड़ीसा में पना संक्रांति। केरल में इसे विशु हैं कहते, यह चहुॅं फैलाती कांति

सत्तू का त्यौहार यहआया मनाए उत्तर भारत परिवार। सत्तू ,चटनी ,अचार, प्याज, खाकर खुश हों अपरंपार।

अनेकता में एकता हो स्थापित, है सबको यह संग में जोड़े। सद्भावना को करे विकसित, इससे ना कभी नाता तोड़ें।

देश एक पर भिन्न संस्कृति, भारत की यह धरा है पावन। पर्व एक पर नाम कई हैं, खुशियांँ बरसे जैसे सावन।

नाम अलग पर काम एक है, अखिल धरा पर फैले शांति। सूर्य भजो, कार्य करो उत्तम, इसमें ना है कोई भ्रांति।

बंगाली नव वर्ष आरंभ होता , पंजाब में मने बैसाखी । वैशाख माह के आते ही, बोहाग,बिहू,रोंगली, असमी मनाती।

पर्व एक पर नाम पृथक है, करता नव ऊर्जा संचार। मौसमी फल,अनाज चढ़ाते, मिट जाता हर मन का खार।

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2 Comments

Mohammed urooj khan

17-Apr-2024 11:40 PM

👌🏾👌🏾👌🏾

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hema mohril

15-Apr-2024 08:23 PM

Amazing

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