परिवार
परिवार-------
प्रेम गीत------
मोहब्बत की ईंटों से हंसीन बंगला बनायेंगे।
नये विश्वास के रंगों से नया परिवार बसायेगे ।।
प्यार की बस्ती में थोड़ी अपनी जमीं होगी
जहां सीने में नफरत की खाई नहीं होगी
हाथों से चाहत की नई बुनियाद उठायेंगे।।
नये---------------------१
पक्के इरादों की जिसमें होंगी खास दीवारें
आजाद ख्यालों के होंगे खिड़की दरवाजे
आंगन में खुशियों के सुन्दर फूल खिलायेंगे।।
नये-----------------------२
लगे हर रात दिवाली सी खिला हर चेहरा हो
मिले जो तुम जैसा हमदम प्यार और गहरा हो
आनंद से इस गुलशन में दो पुष्प खिलायेंगे ।
नये विश्वास के रंगों से नया परिवार बसायेंगे।।
**रामसेवक गुप्ता**
लेखनी काव्य प्रतियोगिता हेतु----
Kavita Gautam
28-Oct-2021 02:35 PM
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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Seema Priyadarshini sahay
25-Oct-2021 06:37 PM
बहुत ही खूबसूरत रचना
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Ramsewak gupta
25-Oct-2021 09:59 PM
सधन्यवाद जी
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Swati chourasia
25-Oct-2021 05:07 PM
Very beautiful 👌
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Ramsewak gupta
25-Oct-2021 09:59 PM
शुक्रिया जी
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