प्रेम परवान चढा
पल्लव और मुनिशा का प्रेम परवान चढ रहा था। वो दोनो एक दुसरे के बिना रह नही पाते थे। पल्लव भी हर एक बात मुनिशाको बताता था। मुनिशा के जीवन मे ठहराव आ गया था। वे अब समझदारी से जीवन व्यतीत कर रही थी ।
पल्लव का साधू़ु संत पर बहुत भरोसा था। वो पुनर्जन्म मानता था। वही मुनिशा इस बारे मे अलग सोचती थी। वे एक ही जन्म को मानती थी। पल्लव को साधना करने मे अच्छा लगता था। वो घंटो साधना लिन रहता था।
यही बात मुनिशा को पता नही थी । पल्लव मुनिशा को सभी जन्म बता सकता था। मुनिशा पर इस बात सुनकर हंसती रहती थी ।
उन दोनो का प्यार मानो लैला मजनू जैसा था। पल्लव भी उसके लिये नई नई रचना ये लिखता था। पल्लव ने मुनिषा को अबतक पुरी सच्चाई नही बताई थी।
वे दोनो जन्मजन्मांतर के साथी थे। एक को तकलिफ हुई तो दुसरे को चोट लगी रही थी।
एक दिन पल्लव अपने साधना से वापस नही आया तो मुनिशा बहुत ही घबरा गई थी। पल्लव एक सच्चा और अच्छा कवि और इंसान था।
पर क्या वो सच मे इंसान था या कोई और ही था ये जानने के लिये पढते रहिये मेरी कहानी
Arti khamborkar
19-Dec-2024 03:55 PM
best
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Mohammed urooj khan
20-Apr-2024 11:13 AM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
19-Apr-2024 06:25 PM
👌🏻👏🏻
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