Tabassum

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घायल


पानी समन्दरों का तो पानी न बन सका
वो मेरी प्यास की भी कहानी न बन सका

काँटा ज़रूर फूल में तब्दील तो हुआ
लेकिन कभी वो रात की रानी न बन सका

पत्थर तो मोम बन गया मुफ़लिस की आह से
लेकिन तमाम उम्र वो पानी न बन सका

राहू को सबने पासबाँ यूँ ही न कह दिया
दुनिया में उसका कोई भी सानी न बन सका

पागल हुए थे जिसके लिए लोग शह्र में 
लेकिन वो जज़्बा प्यार का मानी न बन सका

वो तो कहता था कि उसमेंआन है'घायल'मगर
आ गया जो वक़्त तो आनी न बन सका

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2 Comments

Mohammed urooj khan

23-Apr-2024 04:16 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Arti khamborkar

22-Apr-2024 03:38 PM

Awesome

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