Archana Tiwary

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घोंसला

कई दिन से छत पर काली छोटी सी चिड़िया को आते देख छिप कर मैं उसे निहारा करती थी। छोटे छोटे तिनके को जोड़ वो बड़ा ही सुंदर घोंसला बना रही थी।थोड़ी सी आहट पर बड़ी ही तेज़ी में उड़ जाती।मैंने जब नज़दीक जा उसके घोंसले को ध्यान से देखा तो उसकी बुद्धिमता पर सोचने लगी कैसे इसे ये हुनर आया, कौन इतनी छोटी सी चिड़िया को ये ट्रेनिंग दिया।

घोंसला हरे तिनको का बना था जैसे सुई से चारो तरफ से सिलाई किया गया है ऊपर राउंडर से गोल परफेक्ट आकार में गोल छेद, जो उसके घोंसले का दरवाजा है जिसमे से वो अंदर जाती थी।
घोंसला बनने के कुछ ही दिनों बाद छोटे बच्चों के चहचहाने की आवाज ने मुझे ख़ुशियों से भर दिया।रोज मैं छत पर जा छुप कर छोटे बच्चों को देखने की कोशिश करती  उसकी माँ मुझे देख कर उड़ जाती और उसके जाते ही बच्चे चुप हो जाते और मैं देखने में नाकामयाब।
एक दिन मैं छत पर झूले में झूल रही थी की देखा मेरे पैर से थोड़ी ही दूर चिड़िया की छोटी बच्ची उड़ने की कोशिश कर रही है।उसे देख मुझे मेरे बेटे का बचपन याद आया और उससे जुड़ी कई सुनहरी यादें।
दूसरे दिन तो छोटी चिड़िया जैसे छत पर मेरा इंतजार कर रही थी मानो मौन हो कर भी मुझे पुकार रही थी। मैं भी पिछले कुछ दिनों से रोज नियमित सुबह शाम उसे देखने जाने लगी थी। अपने बच्चे जैसी आत्मीयता उसके साथ हो गयी थी।
मेरे छत पर पहुँचते ही वो उड़ कर कभी छत की मुंडेर पर तो कभी पास रखे गमले पर बैठ मुझे बताना चाहती थी की देखो अब मैंने उड़ना  सीख लिया है और ये क्या थोड़ी ही देर में उड़ते हुए वो दूर चली गयी।
मैं उसे रोकना चाहती थी पर कैसे रोकूँ, न वो मेरी भाषा समझती थी और न ही इशारे।आकाश में दूर जाते देख मन में  अपार ख़ुशी के साथ आशंका और डर। सूनेपन का अहसास मन में बेचैनी सी उत्पन्न कर रही थी। 
तो क्या मेरी तरह उसकी माँ भी ऐसा ही सोच रही होगी उड़ान भरते,  आंखों से ओझल होते अपने बच्चे को देख कर।मेरी तरह उसकी आंखें भी भर आयी होगी ।
   एक ठंडी आस के साथ ये विश्वास लिए मैं वापस अपने काम में जुट  भगवान को धन्यवाद करने लगी जिन्होंने  हमारे  बच्चों को इन पंछियों से अलग बनाया है जिन्हें उड़ान भरने के साथ साथ अपनी जिम्मेदारियां का अहसास भी है। 
अर्चना तिवारी 

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3 Comments

kapil sharma

30-Mar-2021 06:58 PM

good

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Author sid

29-Mar-2021 10:12 AM

अच्छी कहानी लिखी है मेम

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Khushh

27-Mar-2021 10:12 PM

nice

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