Yusuf

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भूल



वो भी क्या दिन थे जब स्कूल गए,
कुछ सबक याद रहे कुछ भूल गए।

दुनिया के कारोबार इतने दिल फरेब हैं,
पैसा कमाने के लिए सारे उसूल गए।

आराम का शरीर इस कदर आदी हो गया,
मेहनत मशक्कत करने वाले सारे गए।

किसी काम में हमें फायदा हुआ और,
किसी में ब्याज के साथ साथ सारे मूल गए।

कब उम्र गुजर गई हमें पता ही नही चला,
और कब धीरे धीरे सारे अंग हमारे फूल गए।

बचपन ओ जवानी झूलों पर झूलते गुजरी,
बुढ़ापे में खद ओ खाल सब झूल गए!!


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3 Comments

Gunjan Kamal

30-Apr-2024 08:14 AM

शानदार

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Gobind Rijhwani "Anand"

27-Apr-2024 11:32 PM

बहुत सुंदर 👌👌

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Varsha_Upadhyay

27-Apr-2024 11:26 PM

Nice

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