अम्मा
बड़ी मुश्किल से थोड़े लोग होते हैं ज़मानें में ,
न डूबें जो समन्दर में न खोएं आसमानों में !!
न मेरे आंसुओं को आप अब मोती कहा करिए ,
मुझे कुछ लोग रखना चाहते हैं कैदखानों में !!
तेरी आंखों से मेरी आँख में फिर मेरी आँखों में ,
ये आँसू कब तलक भटका करेंगे इन मकानों में !!
विरासत में मिली हैं बूढ़ी मां से चन्द सौगातें ,
मगर अब लोग कहते हैं इन्हें रख दो दुकानों में !!
यकीनन मेरी मुठ्ठी तब भी कसकर के बंधी होगी ,
वफ़ा का ज़िक्र होगा जब कभी भी बे _जुबानों में !!
Babita patel
03-May-2024 09:37 AM
Awesome
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