Sadhana Shahi

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विश्वास की डोर न टूटे कभी (कविता) प्रतियोगिता हेतु-03-May-2024

प्रदत्त विषय- विश्वास शीर्षक-विश्वास की डोर न टूटे कभी प्रतियोगिता हेतु

विश्वास की डोर न टूटे कभी, मैया तुम ऐसा वर देना। मैं जब भी तुझको याद करूंँ, उर ख़ुशी से मेरा भर देना।

मन का किवाड़ जब मैं खोलूंँ, तेरा दरश मुझे माँ हो जाए, सदा प्रात काल में नेत्र खुले, मेरा कर तेरा मंदिर धो आए। मेरी मैया तेरी पुजारन मैं, मेरे सर पे सदा वर कर देना। विश्वास की डोर न टूटे कभी, मैया तुम ऐसा वर देना।

जब मंदिर का मैं पट खोलूँ, भक्ति का स्वर सदा गूंँज रहे। तेरे आरती की सदा धुन गूँजे, जलता सदा ज्योति का पुंज रहे। सार्थकता कान की हो जाए, भक्ति के स्वर माँ भर देना। विश्वास की डोर न टूटे कभी, मैया तुम ऐसा वर देना।

मुझ पर मैया तेरी कृपा रहे, तेरी छांँव में सदा पलूँ- बढ़ूँ मैं। विद्या- बुद्धि, शक्ति देना, यशओर सदा ही चलूँ,चढ़ूँ मैं। तेरे नाम की लगन मुझे लग ले, मेरे अंदर ना कोई डर देना। विश्वास की डोर न टूटे कभी, मैया तुम ऐसा वर देना।

साधना शाही, वाराणसी

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

04-May-2024 01:25 PM

Nice

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Sarita Shrivastava "Shri"

04-May-2024 08:07 AM

Awesome 👌

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जी अत्युत्तम भावपूर्ण अभिव्यक्ति।

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